शरीर के कमजोर होने पर बाहरी संक्रमण का बढ़ जाता खतरा

बगहा। हरनाटांड़ क्षेत्र में इन दिनों मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। अधिकतम तापमान

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 11:59 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 11:59 PM (IST)
शरीर के कमजोर होने पर बाहरी संक्रमण का बढ़ जाता खतरा
शरीर के कमजोर होने पर बाहरी संक्रमण का बढ़ जाता खतरा

बगहा। हरनाटांड़ क्षेत्र में इन दिनों मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। अधिकतम तापमान 36 डिग्री के पार पहुंच चुका है। रविवार जहां इस सीजन के सबसे गर्म दिन रहा वहीं, सोमवार को उमस इतनी ज्यादा थी कि लोग काफी परेशान दिखें। आसमान में काले बादल छाए रहे, लेकिन बारिश नहीं हुई और उमस बरकरार रही। हालांकि बीते दिनों हुई बारिश से अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार भी बारिश होगी। ऐसे मौसम में लोगों को सर्दी, खांसी और जुकाम की समस्या काफी अधिक हो रही है। जिससे निजात के लिए लोग बिना डॉक्टर के परामर्श के ही दवाई ले लेते हैं। मौसम में बदलाव होने पर हमारी इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) भी बदलती है, जिसकी वजह से एलर्जिक और वायरल संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। चिकित्सकों का मानना है कि इस दौरान हमें अपनी दिनचर्या में भी बदलाव कर लेना चाहिए ताकि सेहत दुरुस्त रहे। शुष्क मौसम में शरीर से ज्यादा पसीना निकलता है। इससे निर्जलीकरण होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है। शरीर के कमजोर होने पर बाहरी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। मौसम के तीव्र तापमान में अधिक उतार-चढ़ाव के कारण वायरस होते हैं काफी एक्टिव : पीएचसी हरनाटांड़ के चिकित्सक डॉ. राजेन्द्र काजी बताते हैं कि जब मौसम में वेरिएशंस काफी अधिक होते हैं, तो वह समय वायरस के लिए काफी अनुकूल होता है। अभी जिस तरीके से मौसम में वेरिएशन हो रहे हैं। वायरस के रेप्लीकेशन और म्यूटेशन में काफी मदद हो रही है। मौसम के तीव्र तापमान में अधिक उतार-चढ़ाव के कारण ऐसे वायरस काफी एक्टिव हो जाते हैं और जिस तरीके से कोरोना संक्रमण काफी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है, ऐसे समय में यदि किसी को खांसी, सर्दी या बुखार हो तो लोगों को डॉक्टर की सलाह लेने की जरूरत है। चिकित्सक डॉ. काजी ने बताया कि लोग डॉक्टर के परामर्श के बाद ही दवा लें। समस्या होने पर कोरोना जांच कराएं। जांच रिपोर्ट आने तक खुद को घर पर ही आइसोलेट कर लें। बताया कि अभी देखा जा रहा है कि 30 से 40 फीसदी कोरोना संक्रमित मरीज ऐसे हैं जिनमें कोई लक्षण नहीं है और कई लोग हल्के से खांसी सर्दी और बुखार के बाद ठीक हो जाते हैं। अभी के समय है जो सामान्य इंफेक्शन है, वह भी काफी खतरनाक हो सकता है। इसलिए थोड़ी भी समस्या हो तो डॉक्टर से परामर्श लें। ज्यादातर केस में यह देखा जा रहा है कि अधिकतर लोग घर पर ही दवा खाकर ठीक हो जाते हैं। लोगों को बिल्कुल भी घबराने की आवश्यकता नहीं है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में लोग कोविड प्रोटोकॉल का जरूर पालन करें। मास्क और सैनिटाइजर का जरूर इस्तेमाल करें। आसमान में छाए रहे काले बादल, उमस के साथ गर्मी रही बरकरार : बीते एक सप्ताह से मौसम में काफी बदलाव हुआ है। गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। गर्मी के मौसम में जनजीवन बेहाल हो गया है। सोमवार की सुबह से बदलाव आया और घने काले बादल छा गए। इस दौरान हल्की हवा चली। लेकिन बरसात नहीं हुई। जिससे मौसम का तापमान कम तो हुआ लेकिन उमस बरकरार रहा। रविवार को जहां अधिकतम तापमान 37.2 और न्यूनतम 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं सोमवार को अधिकतम तापमान 37 और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम जानकारों के मुताबिक आने वाले समय में मौसम में बदलाव सकता है और हल्की बूंदाबांदी की भी संभावना है।

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