मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से दूर हुई बेरोजगारी, खुद की गाड़ी के बने मालिक

बगहा। अब नगर से गांव की दूरी आम लोगों के लिए आसान हो गई है। वहीं बेरोजगार युवकों को अप

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 11:23 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:23 PM (IST)
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से दूर हुई बेरोजगारी, खुद की गाड़ी के बने मालिक
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से दूर हुई बेरोजगारी, खुद की गाड़ी के बने मालिक

बगहा। अब नगर से गांव की दूरी आम लोगों के लिए आसान हो गई है। वहीं बेरोजगार युवकों को अपने वाहन का सपना भी साकार हुआ है। यह सब संभव हुआ है। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत। जिससे अब प्रखंड के 18 पंचायतों के 95 युवकों को अपने वाहन के साथ रोजगार भी मिला है। बता दें कि बीते वर्ष 2018 में युवकों के बेरोजगारी को दूर करने व स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए इसका शुभारंभ किया गया था। जिसमें पहले एक पंचायत में केवल पांच लोगों को ही इसका लाभ देना था। जो अब बढ़ाकर सात कर दिया गया है। हालांकि यह योजना फिलहाल एससी एसटी व अत्यंत पिछड़ी जाति के लिए ही है। जिसमें कुल 95 युवक लाभांवित हुए है। जिनका अपना टेंपो व टैक्सी खरीदने का सपना साकार हुआ है। आज इनके वाहनों के कारण लोगों को नगर की राह भी आसान हो गई है। इस योजना के आठवें चरण में भी करीब 29 लोगों को इसका लाभ मिलने वाला है। जिसके लिए आवेदन जमा करा लिया गया है। बता दें कि यह सारा प्रक्रिया कल्याण विभाग की तरफ से होता है। जिसमें लाभुकों को अनुदान के साथ ही इस योजना के पास होने के साथ लाभुकों को आसानी से ऋण पर वाहन मिल जाता है। इस ऋण को आसान किस्तों में अदा करना होता है। एक लाख तक का अनुदान

विभागीय सूत्रों की मानें तो इस योजना में अधिकतम 30 फीसद या एक लाख तक का अनुदान है। जो लाभुकों को विभाग की तरफ से दी जाती है। कोई भी इच्छुक लाभुक अपने वैध प्रमाण पत्र के साथ इसके लिए आवेदन दे सकता है। खटौरी गांव निवासी बहादुर सहनी बीते कई सालों से भाड़े का ऑटो चला रहे थे। जिससे उनके घर का खर्च चलाना मुश्किल था। पर, इस योजना से इनका अपना वाहन हो गया। अब किस्त की रकम भर रहे हैं। कहते हैं कि पता ही नहीं चला आधा से अधिक राशि जमा हो गई। पैसा जमा करने के बाद मैं इसका मालिक बन जाउंगा। इधर भावल के गोपीचंद राम का कहना है। मैंने सपने भी नहीं सोचा था कि अपना टेंपो खरीद पाउंगा। पर, इस योजना से अब यह मेरा हो गया है। अब आराम से घर का खर्च वहन व गाड़ी की किस्त भी दे रहा हूं। भावल के दरूदआलम मियां बताते हैं कि मैं दूसरे की गाड़ी प्रतिदिन की मजदूरी पर चलाता था। अब मेरी खुद की टैक्सी है। इससे अधिक खुशी मेरे लिए क्या हो सकती है? मारकंडेय राम, जितेन्द्र कुमार के साथ कुछ अन्य लाभुकों का भी ऐसा हीं कहना है। बयान : प्रखंड के सभी पंचायतों में इस योजना का लाभ लोगों को दिया गया है। इस बार भी 29 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिसमें से 22 को आवश्यक जांच पड़ताल के बाद स्वीकृत के लिए उच्चाधिकारियों के पास भेजा गया है। इस योजना दर्जनों युवक लाभांवित हुए हैं। यह मुख्यमंत्री जी की अच्छी योजनाओं में शामिल है।

रवि कुमार, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी

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