कोरोना से निजात के लिए दुआ मांग रहे नन्हे रोजदार

बगहा। बरकत और रहमतों का महीना रमजान चल रहा है। ऐसे में नन्हे रोजेदार इबादत करते हु

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 11:03 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 11:03 PM (IST)
कोरोना से निजात के लिए दुआ मांग रहे नन्हे रोजदार
कोरोना से निजात के लिए दुआ मांग रहे नन्हे रोजदार

बगहा। बरकत और रहमतों का महीना रमजान चल रहा है। ऐसे में नन्हे रोजेदार इबादत करते हुए अल्लाह से कोरोना से निजात पाने की दुआ मांग रहे हैं।

थाना क्षेत्र के गोल चौक निवासी 11वर्षीय रोजेदार शहजाद और 13 वर्षीय फिजा ने रोजा रखकर कुरान शरीफ की तिलावत किया। नन्हे रोजेदारों ने बताया कि रोजा रखने के दौरान उन्हें काफी खुशी मिल रही है। साथ ही साथ अल्लाह पाक से दुआ कर रहे हैं कि मुल्क से कोरोना का खात्मा हो जाए। रोजेदार बिन भूख, प्यास के अल्लाह की इबादत में मशगूल हैं। इस माह में कुरआन पाक की तिलावत करने से 70 गुना शबाब मिलता है। रमजान में बरसती है रहमत: इस बाबत विजयपुर मस्जिद के इमाम निसार अहमद ने बताया कि इस्लाम की पांच बुनियादों में रोजा भी शामिल है और इस पर अमल के लिए अल्लाह ने रमजान का महीना मुकर्रर किया है। खुद अल्लाह ने कुरान शरीफ में इस महीने का जिक्र किया है। रोजा रहने वाले की हर दुआ अल्लाह कबूल करते हैं और रहमत व बरकत बरसाते हैं। इस माह में रोजेदार अल्लाह के नजदीक आने के लिए भूखा रहकर रोजा रखता है। बदले में अल्लाह अपने बंदे को बेहद करीब आकर अपनी रहमतों और बरकतों से नवाजता है। इसलिए हर मुसलमान को रोजा रखना फर्ज है। रमजान माह हर इंसान को अल्लाह की राह पर ले जाने की प्रेरणा देता है। रमजान माह हर बंदे को बुराई से दूर रखकर अल्लाह के नजदीक पहुंचने का मौका देता है। कोरोना संक्रमण काल में इबादत के साथ ही हिफाजत भी जरूरी है। सरकार के द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए नमाज घर में पढ़ें। खुद भी बचें और दूसरों को भी बचाएं।

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