पैक्स के माध्यम से गेहूं खरीद की संभावना से किसानों में खुशी

बगहा। अभी तक प्रखंड में गेहूं दलहन तेलहन फसलों के लिए बाजार की व्यवस्था नहीं है। जिसके क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 11:52 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 11:52 PM (IST)
पैक्स के माध्यम से गेहूं खरीद की संभावना से किसानों में खुशी
पैक्स के माध्यम से गेहूं खरीद की संभावना से किसानों में खुशी

बगहा। अभी तक प्रखंड में गेहूं, दलहन, तेलहन फसलों के लिए बाजार की व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण किसान खुले बाजार व बिचौलियों के हाथों हीं इसे बेचते रहे हैं। एकबार फिर से रबी फसल तैयार है। जिसके कटनी व दौनी का काम शुरू हो गया। इधर सरकार के तरफ से भी पैक्सों के माध्यम से गेहूं व रबी फसल के खरीद की बात कही गई है। जिससे किसानों में खुशी की लहर है। इससे किसानों को इस कृषि वर्ष में अच्छा मुनाफा हो सकता है।

बता दें कि प्रखंड में कुल 152 राजस्व गांव है। इसमें सात बेचिरागी गांवों को जोड़ दें तो इसका कुल आंकड़ा 159 हो जाता है। हालांकि प्रखंड का मुख्य नगदी फसल गन्ना है। जिसके कारण इसकी खेती व्यापक पैमाने पर की जाती है। पर, इसके अलावा गेहूं, मसूर, सरसों व अन्य रबी फसलों के साथ सब्जी की खेती भी यहां होती है। ध्यान रहे कि प्रखंड का क्षेत्र कृषि आधारित क्षेत्र है। इसलिए करीब 70 फीसद लोग यहां प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से खेती से जुड़े हैं।

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गेहूं समेत नौ हजार हेक्टेयर भूमि में है रबी फसलों का आच्छादन

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बता दें कि प्रखंड में कृषि वर्ष 2019-20 में करीब नौ हजार हेक्टेयर भूमि में रबी फसलों का आच्छादन हुआ है। जिसमें गेहूं करीब 6050 हेक्टेयर में है। वहीं मक्का 52 हेक्टेयर में मसूर 1050, मटर 85, तीसी 28 सरसों 1010 के साथ चना 20 अन्य रबी फसल को 55 हेक्टेयर में लगाया गया था। इस साल भी करीब इतने ही क्षेत्रफल में इसकी खेती की गई है। दोनों वर्ष गेहूं लक्ष्य से थोड़ा अधिक रहा तो अन्य रबी फसल इसके करीब हीं रहे हैं।

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कहते हैं किसान

देवराज क्षेत्र के सबेया निवासी किसान लाल बाबू का कहना है कि गेहूं और अन्य रबी फसलों को बेचने की व्यवस्था होनी चाहिए। वहीं बखरी के उमेश यादव का कहना है कि इस बार गेहूं की फसल अच्छी है। पर, इसके बाजार की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे किसानों को लागत मूल्य काटकर मुनाफा हो सके। तौलाहा के किसान जितेंद्र कुमार का कहना है कि गेहूं और अन्य रबी फसलों को पैक्स में लेने से किसानों को खुले बाजार में सस्ते दाम पर बेचने से मुक्ति मिलेगी।

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कहते हैं अधिकारी :-

इस बारे में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी रोहित कुमार का कहना है कि पिछले साल गेहूं की खरीद कुछ पैक्सों के माध्यम से की गई थी। इस बार भी अगर निर्देश प्राप्त होता है तो, सरकारी समर्थन मूल्य के आधार पर गेहूं के खरीद होगी।

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