पतिलार के 11 वार्ड के लोग कागज में पी रहे पानी
बगहा। गर्मी आने के साथ ही पेयजल की समस्या भी शुरू हो गई है। लेकिन इससे न अधिकारियों को मत
बगहा। गर्मी आने के साथ ही पेयजल की समस्या भी शुरू हो गई है। लेकिन, इससे न अधिकारियों को मतलब है और न ही जन प्रतिनिधियों को।
बगहा एक प्रखंड की पतिलार पंचायत। यहां कुल 17 वार्ड हैं। लेकिन 11 वार्ड में आज तक पानी नहीं पहुंचा। हालत तब है। जब इस पंचायत में 12 दिसंबर 2017 को सीएम नीतीश कुमार दूसरी बार पहुंचे थे। उनके आने के पूर्व विकास के लिए जिला के आला पदाधिकारियों की पंचायत वहीं लगती थी। पदाधिकारी पतिलार को विकास का मॉडल बनाने की बात कहते थे। मुख्यमंत्री को दिखाने के लिए वार्ड नंबर 14 का मात्र एक टोला मिश्रौली टोला को आनन -फानन में सजाया गया। घर-घर में नल-जल भी पहुंचाया गया। परंतु कुल चार दिन में ही सब कुछ ढाक के तीन पात बनकर रह गया। सीएम के जाते ही अधिकारियों को न विकास की बात याद रही और मॉडल पंचायत बनाने की।
कहते हैं ग्रामीण
कन्हैया बैठा, तबरेज आलम, अशोक राव, प्रवेश यादव, इंद्रमणि तिवारी, जयप्रकाश दुबे का कहना है कि सरकार की घोषणाएं सिर्फ सुनने तक ही सत्य है। जमीनी हकीकत कुछ और रहती है। मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शुमार नल-जल योजना इस पंचायत में पूरी तरह से असफल है। बयान
बीडीओ समेत उच्च अधिकारियों से कई बार नल जल की समस्या के बारे में बताया गया। लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। धरातल पर कोई कारगर काम नहीं हो सका।
निर्मला देवी,मुखिया उक्त वार्डों में घटिया पाइप व नलजल के संसाधन लगाए गए हैं। जो दिखावे मात्र का है। कोई अधिकारी सुनने वाला नहीं है। जलमीनार दिखावे के लिए है। कागज में ही पानी पिलाया जाता है।
धनंजय यादव, मुखिया प्रतिनिधि