101 साल बाद महाशिवरात्रि पर बन रहा विशेष संयोग,पूरी होगी मनोकामना

बगहा। शिव और शक्ति के मिलन के पावन अवसर महाशिवरात्रि पर इस साल कई अद्भुत योग बन रहे ह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Mar 2021 12:51 AM (IST) Updated:Wed, 10 Mar 2021 12:51 AM (IST)
101 साल बाद महाशिवरात्रि पर बन रहा विशेष संयोग,पूरी होगी मनोकामना
101 साल बाद महाशिवरात्रि पर बन रहा विशेष संयोग,पूरी होगी मनोकामना

बगहा। शिव और शक्ति के मिलन के पावन अवसर महाशिवरात्रि पर इस साल कई अद्भुत योग बन रहे हैं। महाशिवरात्रि के दिन शिवयोग, सिद्धियोग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग बनने से पर्व की महत्ता और अधिक बढ़ गई है। ऐसे में महाशिवरात्रि पर्व की पूजा विधि-विधान के साथ करने से विशेष फलदायी मानी जा रही है। पुराणों के मुताबिक भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ था। इस बार 101 साल बाद महाशिवरात्रि पर विशेष संयोग बन रहा है।

इस बाबत पंडित सत्यानंद मिश्र ने बताया कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को संसार के कल्याण के लिए शिवलिग प्रकट हुआ था। महाशिवरात्रि को व्रत और पूजन किया जाना सर्वोत्तम है। शिवलिग का पूजन और रात्रि जागरण विशेष फलदायी होता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना कई गुना अधिक फल देती है। शुभ मुहूर्त--

11 मार्च सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक शिव योग रहेगा। उसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा। जो कि 12 मार्च सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। शिव योग में किए गए सभी मंत्र शुभफलदायक होते हैं 7 इसके साथ ही रात 9 बजकर 45 मिनट तक घनिष्ठा नक्षत्र रहेगा महाशिवरात्रि की पूजा विधि

-- शिवरात्रि के दिन पंचामृत से शिवलिग को स्नान कराना चाहिए। इसके बाद 'ऊँ नम: शिवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही शिव पूजा के बाद अग्नि जलाकर तिल, चावल और घी की मिश्रित आहूति देनी चाहिए। होम के बाद किसी भी एक फल की आहुति दें। व्रत के पश्चात, ब्राह्मणों को खाना खिलाकर और दीपदान करके स्वर्ग को प्राप्त किया जा सकता है। शिवलिग स्नान के लिए रात के प्रथम प्रहर में दूध, दूसरे में दही, तीसरे में घृत और चौथे प्रहर में शहद से स्नान कराना चाहिए।

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