जलमीनार से एक माह से जलापूर्ति बाधित,नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल
बगहा। बगहा दो प्रखंड के हरनाटांड़ में बना जलमीनार इन दिनों हाथी का दांत साबित होकर रह
बगहा। बगहा दो प्रखंड के हरनाटांड़ में बना जलमीनार इन दिनों हाथी का दांत साबित होकर रह गया है। बीते एक माह से यहां जलापूर्ति बाधित है। जिसकी वजह से लोगों तक शुद्ध पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है।
सूबे की सरकार हर घर नल का जल से शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए लाखों रुपये पानी की तरह बहा रही है। लेकिन इसका समुचित लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। हरनाटांड़ में तकनीकी खराबी के कारण जलापूर्ति बाधित है। आए दिन जलापूर्ति बाधित रहने से लोगों में रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि जब से जलमीनार बनकर तैयार हुआ है। तब से पानी कम खराब अधिक रहता है। गुरुवार को जलमीनार का जायजा लिया गया तो पाया गया कि पंप हाउस से बोरिग के सभी पाइप को बाहर निकाल दिया गया है। अब यहां नए बोर का काम किया जाना है। बोरवेल से निकल रहा बालू के साथ मटमैला पानी : हरनाटांड़ निवासी बालकृष्ण खतईत, कमलेश जायसवाल, बैकुंठ काजी, मनोज प्रसाद, संजय गुप्ता, राकेश जायसवाल, पिटू जायसवाल, राजेश गुप्ता व बिट्टू कुमार आदि का कहना है कि बीते एक माह से भी अधिक दिनों से नल जल आपूर्ति बाधित है। जिसकी वजह से हमें शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है। आरोप है कि जब पानी मिलता भी था तो गंदा व मटमैला पानी की सप्लाई मिलता था। लेकिन अब तो वो भी नहीं मिल रहा। विभागीय लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी की वजह से लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो पा रहा है। चार वर्ष पूर्व लाखों की लागत से बनी थी जलमीनार: गौरतलब है कि हरनाटांड़ में बीते चार वर्ष पूर्व लाखों की लागत से जलमीनार बनकर तैयार हुआ। तब ऐसा लग था कि इस क्षेत्र में आयरनयुक्त पेयजल की समस्या से निजात मिल जाएगी। लेकिन पानी टंकी फिलहाल किसी की प्यास बुझाने में नाकाम दिख रहा है। इधर उक्त जलमीनार पर कार्यरत ऑपरेटर भुनेश्वर महतो ने कहा कि बोर से जब पानी आता है तो उसमें से बालू निकल रहा था। जिसकी जांच की गई तो बोर खराब निकला। ऐसे में शीघ्र ही नई बोरिग कराई जा रही है। ठेकेदार द्वारा इसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री को शीघ्र मंगाया जा रहा है। जिसके बाद शुद्ध पेयजल की आपूर्ति कराई जाएगी।