किसानों को समय से नहीं मिल पा रहा स्वायल जांच का फायदा
बगहा। रामनगर प्रखंड में वर्ष 2011 से मिट्टी जांच का कार्य चल रहा है। इसका फायदा यह बताया गया
बगहा। रामनगर प्रखंड में वर्ष 2011 से मिट्टी जांच का कार्य चल रहा है। इसका फायदा यह बताया गया कि इससे खेत की उर्वरा शक्ति का पता चल सकेगा। साथ ही मिट्टी के अनुसार खेत में फसल लगाने पर उत्पादकता में वृद्धि होगी। जिससे किसानों को फसल लगाने में फायदा मिलेगा।
पर, इस कार्य के लगातार चलने के बाद भी उस हिसाब से कृषकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसका कारण यह है कि कई किसानों को समय से इसका रिपोर्ट नहीं मिल पाती है। वहीं कई किसानों के खेतों के मृदा जांच का कार्य पूरा नहीं हो सका है। कुछ किसान इसको समझ नहीं पाते हैं। बता दें कि प्रखंड में कुल राजस्व गांवों की संख्या 152 है। जिसमें छोटे-बड़े किसानों की संख्या करीब 20 हजार है। पहले यह कार्य एक साथ सभी गांवों में होता था। पर, अब यह चयनित किसी एक गांव में ग्रिड बनाकर किया जाता है। एक हजार किसानों का रिपोर्ट कार्ड बाकी : प्रखंड में कितने किसानों के मिट्टी जांच अब तक हुए हैं। इसका कोई आंकड़ा तो नहीं मिल सका है। पर, बीते वर्ष 2020 में जिन किसानों के मिट्टी जांच के लिए नमूना का संग्रह किया गया था। उसमें करीब एक हजार किसानों का अबतक रिपोर्ट नहीं मिल सका है। वहीं बीते वर्ष के दिसंबर में 427 कृषकों को रिपोर्ट कार्ड उनको सुपूर्द किया गया है। कहते हैं किसान: इस बारे में सिलवटिया के किसान गिरेंद्र दुबे का कहना है कि इस जांच के बाद रिपोर्ट दे दिया जाता है। पर, इसका क्या मतलब है। बहुत किसानों को जानकारी हीं नहीं है। इसको किसानों को बताना होगा। खटौरी के मनोज यादव कहते हैं कि इसके लिए किसानों में जागरूकता जरूरी है। साथ हीं सभी किसानों के खेत से मिट्टी ले जाया जाए। सबेया के तौहीद आलम कहते हैं कि मिट्टी जांच के लिए नमूना दिया गया था। पर, मृदा रिपोर्ट अभी तक नहीं मिल सका है। इफको से भी होता है जांच का कार्य: इस बारे में कृषि पदाधिकारी कृष्णनंदन कुमार ने बताया कि जिला से वाहन आता है। जो मिट्टी एकत्र कर ले जाता है। कृषि विभाग से यह कार्य लगातार चलाया जा रहा है। इफको की तरफ से भी मिट्टी नमूना संग्रह किया जाता है। किसानों को कैंप में इसके फायदे के बारे में बताया जाता है। सभी को अपने खेत से मिट्टी की जांच अवश्य करानी चाहिए।