सरहद पर बंदिश हटने का इंतजार प्रभावित हुआ लाखों का कारोबार

बगहा। कोरोना संकट के कारण भारत-नेपाल सीमा पर आवाजाही की बंदिश क्या लगी दोनों देशों

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Feb 2021 11:23 PM (IST) Updated:Tue, 02 Feb 2021 11:23 PM (IST)
सरहद पर बंदिश हटने का इंतजार  प्रभावित हुआ लाखों का कारोबार
सरहद पर बंदिश हटने का इंतजार प्रभावित हुआ लाखों का कारोबार

बगहा। कोरोना संकट के कारण भारत-नेपाल सीमा पर आवाजाही की बंदिश क्या लगी, दोनों देशों के बीच बेटी-रोटी का रिश्ता भी प्रभावित होने लगा। इसका असर कारोबार भी पड़ रहा है। व्यापारियों की मानें तो दस महीने में करीब 75 लाख रुपये का व्यवसाय प्रभावित हुआ।

नेपाल के नवलपरासी जिले के त्रिवेणी बाजार की अधिकांश दुकानों पर भारतीय ग्राहक खरीदारी करते हैं। बॉर्डर सील होने के कारण दुकानदारी चौपट हो गई है। कपड़े व मसाला व्यवसाय पर सबसे बुरा प्रभाव पड़ा है। देशी-विदेशी पर्यटकों से गुलजार रहने वाले वाल्मीकिनगर एवं त्रिवेणी बाजार के व्यापारियों को बीते दस माह से विषम परिस्थितियों का सामना कर रहा है। इस बीच बॉर्डर खुलने की सुगबुगाहट लगी तो स्थानीय लोगों में व्यापार और आवागमन को लेकर उम्मीद की किरण जगी, लेकिन बॉर्डर कब खुलेगा किसी को नहीं पता। इस बाबत एसएसबी के सहायक सेना नायक देवेंद्र उपाध्याय ने बताया कि बॉर्डर खोलने का आदेश अभी तक नहीं मिला है। जैसे ही आदेश आएगा बॉर्डर खुल जाएगा।

रोटी-बेटी का संबंध

्रभारत-नेपाल के तराई क्षेत्र में रहने वाले मधेशियों व भारतीयों के बीच रोटी-बेटी का संबंध है। आवागमन पर प्रतिबंध लगने से रिश्तों में खटास का डर सता रहा है। सबसे ज्यादा डर उन परिवारों को है, जिन्होंने अपने बेटे या बेटियों की शादियां इन दोनों देशों में की है।

नेपाल में पर्यटन उद्योग धड़ाम

सीमा बंद होने का प्रभाव नेपाल पर भारी पड़ने लगा है। विदेशी नागरिकों के नेपाल प्रवेश पर प्रतिबंध के बाद वहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर वीरानी छाई है। इसका असर नेपाल सीमा से लगे भारत के वाल्मीकिनगर क्षेत्र में भी पड़ा है। पर्यटक न आने से होटल व्यवसायी मायूस हैं। सीमा से संचालित होने वाले वाहनों के पहिए भी थम गए हैं। नेपाल के पोखरा व लुंबिनी आदि स्थानों पर बड़ी संख्या में पर्यटक वाल्मीकि नगर के रास्ते नेपाल जाते हैं। पर्यटकों को रहने के लिए त्रिवेणी, वर्द घाट, बुटवल में अच्छे होटल उपलब्ध हैं। इस क्षेत्र में पेइंग गेस्ट के रूप में घरों में भी पर्यटकों को रखने का भी चलन है। नए साल में जिन होटलों में नोरूम के बोर्ड चस्पा होते थे, वहां कर्मचारियों को छोड़कर कोई नजर नहीं आया। भारतीय सीमा से सटे रानी नगर, त्रिवेणी, भैरहवा के कई नेत्र अस्पताल भारतीय लोगों पर निर्भर हैं। बॉर्डर सील होने के बाद से वहां सन्नाटा पसरा है। सबसे बड़ी दिक्कत नेपाल में दवा को लेकर देखी जा रही है। भारतीय डॉक्टरों से इलाज करा रहे नेपाल के लोगों को वहां जरूरी दवा नहीं मिल पा रही। दोनों देशों में बसे रिश्तेदार एक-दूसरे से मिल नहीं पा रहे। शादी-ब्याह में भी परेशानी हो रही। वाल्मीकि नगर के बहुत से परिवारों की रिश्तेदारी नेपाल में है। व्यापारियों ने कहा

रजाई गद्दा का कारोबार करने वाले मोहम्मद नसीम मंसूरी ने बताया कि रिश्तों की कड़वाहट दोनों देशों के बीच रहने वाली जनता के दिलों में नहीं घुली है। वायरस के संक्रमण ने बस एक छोटा सा ब्रेक लगा दिया है। कोरोना के कारण बॉर्डर की बंदी ने स्थिति एकदम बदल दी है। ठंड में सैकड़ों की संख्या में नेपाल के लोग रजाई गद्दा खरीदने के लिए आते थे। जिससे व्यापार कारोबार प्रभावित हुआ। चिकन विक्रेता अमजद कुरैशी ने बताया कि लगातार बंदी से व्यापार में आई गिरावट के कारण कई दुकानदार अपनी दुकान का किराया नहीं दे पा रहे हैं। बॉर्डर बंदी से सबसे ज्यादा असर व्यापारियों पर पड़ा है, लेकिन आम लोग भी कम परेशान नहीं हैं। किराना दुकानदार रमेश का कहना है कि बॉर्डर बंद होने से कारोबार पर काफी प्रभाव पड़ा है।

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