बेसहारा पशुओं के लिए नहीं है नगर में कोई व्यवस्था
बगहा । नगर क्षेत्रों में बेसहारा पशुओं का निकलना आम बात है। इससे न सिर्फ जाम की समस्या खड़ी होती है।
बगहा । नगर क्षेत्रों में बेसहारा पशुओं का निकलना आम बात है। इससे न सिर्फ जाम की समस्या खड़ी होती है। बल्कि कभी-कभी तो, इनके कारण दुर्घटनाएं भी होती हैं। पर, यह स्थिति महानगरों व बड़े बड़े शहरों में है। इन नगरों में इनके लिए कई तरह की व्यवस्था होती है। कैटल कैचिग टीमें काम करती है। बेसहारा पशुओं को रखने के लिए अलग कांजी हाउस भी बने होते हैं। पर, स्थानीय स्तर पर ऐसे हालत नहीं हैं। यहां सड़कों पर कभी कभी ऐसे पशु दिख जाते हैं। पर, उनके भी मालिक होते हैं। जो इन्हें ढूंढते हुए पहुंच जाते है।
नगर परिषद कार्यालय के सूत्रों की मानें तो, अभी इस तरह के मवेशियों के लिए कोई योजना नहीं है। ना हीं ऐसे कोई भवन बनाने का निर्देश हीं है। जिससे नगर प्रबंधन अभी इस पर किसी तरह का काम नहीं कर रही है। मवेशी नहीं रहने के कारण इनको पकड़ने वाली टीम भी नहीं है। उल्लेखनीय है कि नगर क्षेत्र में कई गांव भी शामिल हैं। जहां पशु पालन का काम होता है। गाय-भैंस भी कृषकों ने पाल रखे हैं। पर, इनको बेसहारा नहीं छोड़ा जाता है। कुछ घोड़े आदि कभी कभार सड़कों पर दिखते हैं। पर, इनके भी मालिक होते हैं। जो शाम होते हीं इनको ढूंढकर अपने साथ ले जाते हैं। पशुओं के कारण अभी तक जाम व दुर्घटना की नहीं आई है नौबत नगर में जाम लगने व दुर्घटना का कोई ऐसा मामला अभी तक सामने नहीं है। जो बेसहारा पशुओं के कारण हुआ है। इसलिए अभी नप के तरफ से इनको लेकर किसी तरह की योजना पर काम नहीं किया जा रहा है। हालांकि नगर में मवेशियों के इलाज के लिए चिकित्सालय की सुविधा है। जहां पशुओं का इलाज किया जाता है। वहीं गर्भधान की व्यवस्था भी इस केंद्र पर मौजूद है। बयान : नगर में बेसहारा पशुओं से संबंधित अभी तक कोई मामला नहीं है। अगर भविष्य में इस तरह की स्थिति बनती है तो, इस पर विभाग को लिखा जाएगा। इनके लिए भी कोई योजना तैयार की जाएगी।
सावित्री देवी, सभापति