खेतों में जलजमाव, किसानों के माथे पर चिता की लकीरें

बगहा। बारिश थम चुकी है। हालांकि मौसम अभी ठीक नहीं है। बीते 15 व 16 जून को हुई बारिश क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 12:00 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 12:00 AM (IST)
खेतों में जलजमाव, किसानों के माथे पर चिता की लकीरें
खेतों में जलजमाव, किसानों के माथे पर चिता की लकीरें

बगहा। बारिश थम चुकी है। हालांकि मौसम अभी ठीक नहीं है। बीते 15 व 16 जून को हुई बारिश का पानी अभी भी खेतों में है। कई गांव में खेतों में जलजमाव का नजारा दिख जा रहा है। इसे धान के रोपनी के लिए तो, ठीक माना जा रहा है। पर, गन्ने व सब्जी के साथ अन्य फसलों के लिए जलजमाव अभिशाप साबित हो सकता है। कई किसानों के धान के छोटे बिचड़े इस पानी में गल गए हैं। वहीं सब्जी की फसल भी खराब हो गई है। अब आफत गन्ने पर पड़ने वाली है। अधिक दिनों तक खेतों में पानी रह जाने से गन्ने पीले होने की संभावना बढ़ गई है। जिससे यह फसल भी खराब हो जाएगी। मौसम विभाग के तरफ से भी बारिश को लेकर आगामी 23 तारीख तक का अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में किसानों की चिता वाजिब है। पहले का पानी अभी पूरी तरह से खेतों से नहीं निकल पाया है। ऐसे में अगर फिर से बारिश होती है तो, गन्ने की फसल खराब होने की पूरी संभावना है। किसान प्रदीप जयसवाल का कहना है कि पिछले साल भी यही हाल हुआ था। इस वर्ष भी ऐसा हीं लग रहा है। किसान संतोष कुमार कहते है कि धान के तैयार बिचड़े जलजमाव के कारण खराब हो गए हैं। अब धान की रोपनी के लिए बीज की व्यवस्था करनी पड़ेगी। वहीं सब्जी की खेती से जुड़े मजीद मियां बताते हैं कि नेनुआ, खीरा के साथ बैगन भी बारिश से खराब हो गया है। बता दें कि मानसून का आरंभ हो चुका है। जबकि हिदी कैलेंडर से यह ज्येष्ठ माह चल रहा है। अब किसानों का कहना है कि गर्मी के दिनों में यह हाल है तो अभी पूरी बरसात बाकी है। आगे क्या होगा। बता दें कि प्रखंड का क्षेत्र कृषि आधारित क्षेत्र है। जहां खेती से हीं लोगों का घर परिवार जुड़ा है। बेटी की शादी से लेकर बच्चों की पढ़ाई व भोजन-पानी भी इसी से चलता है। इधर बीएओ प्रदीप तिवारी ने बताया कि बारिश को लेकर कर्मियों को जांच का निर्देश दिया गया है।

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