नदियों का जलस्तर कम, सैकड़ों की संख्या में ऊंचे स्थलों पर शरण लिए हैं लोग

बगहा। नदियों के जलस्तर में शुक्रवार को कमी आ गई है। नदियों की धारा सामान्य हो गई है। जिस

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Jul 2021 10:56 PM (IST) Updated:Fri, 09 Jul 2021 10:56 PM (IST)
नदियों का जलस्तर कम, सैकड़ों की संख्या में ऊंचे स्थलों पर शरण लिए हैं लोग
नदियों का जलस्तर कम, सैकड़ों की संख्या में ऊंचे स्थलों पर शरण लिए हैं लोग

बगहा। नदियों के जलस्तर में शुक्रवार को कमी आ गई है। नदियों की धारा सामान्य हो गई है। जिससे तटवर्ती गांवों को राहत मिल गई है। पर, अभी भी कुछ घरों में कीचड़ पानी की समस्या है। जिससे अपने घरों से पलायन किए कई लोग अभी तक वापस नहीं लौटे हैं। रामरेखा नदी में आए उफान के बाद से बीते गुरुवार को कई लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थलों पर शरण लिए हुए हैं। हालांकि जिन लोगों के घरों में पानी कम घुसा था। ऐसे लोग अपने घरों को वापस लौटने लगे हैं। पर, जिन घरों में अभी कीचड़ की समस्या है। वहां के लोग अभी तक अपने रिश्तेदारों व सरकारी जगहों पर आश्रय ले रखे हैं। इसमें नगर के वार्ड 10 व 11 जोलहा टोली के लोग अभी तक मुखरानी देवी विद्यालय में अपने परियार के साथ टिके हैं। वहीं रतनपुरवा गांव के लोग नगर के शिव मंदिर के धर्मशाला में ही रह रहे हैं। वार्ड 10 के पार्षद भुवनेश्वर अग्रवाल ने बताया कि प्रभावित परिवारों के रहने के लिए मुखरानी देवी सामुदायिक भवन में व्यवस्था की गई है। वहीं खाने पीने का प्रबंध अलग कराया गया है। इधर नगर के वार्ड नौ चौरसिया टोला के लोग भी संस्कृत पाठशाला में रह रहे हैं। मंदिर के धर्मशाला व संस्कृत पाठशाला में रहने वालों के लिए खाने की व्यवस्था पार्षदों व नप के तरफ से आयोजित करने की सूचना मिली है। ----------------------- फसलों में जलजमाव से फिलहाल नहीं मिलती दिख रही है राहत ----------------------- इधर बारिश के बाद से फसलों में जलजमाव की समस्या एकबार फिर बढ़ गई है। कई नीची भूमि वाले खेतों में पहले से ही जलजमाव है। ऐसे में यह किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। जिससे फिलहाल कृषक उबरते नहीं दिखाई दे रहे हैं। बारिश के कारण गन्ने के साथ सब्जी के खेतों पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वहीं धान की रोपनी में भी देरी होने की बात कही जा रही है। बता दें कि बीते गुरुवार को हुए बारिश के बाद प्रखंड के सभी नदियों में उफान आ गया था। जिससे तटवर्ती गांवों में लोग पलायन कर ऊंचे स्थलों पर शरण लिए हुए थे। इधर बारिश बंद होने के कुछ घंटों में ही जलजमाव वाले मोहल्लों से पानी उतरने लगा है। ----------------- कृषि भूमि का भी हुआ है कटाव ---------------- पिछली बारिश की तरह इस बारिश के बाद भी तटवर्ती गांवों में कृषि भूमि का कटाव हुआ है। कटाव मसान नदी के अलावा भलुई, सिगहा, सुखौड़ा, रघिया, ढोंगही समेत अन्य नदियों से हुआ है। जिसमें गन्ने के साथ अन्य फसलों को क्षति हुई है। वहीं कई खेतों में नदी का लाया हुआ रेत भी बिखरा पड़ा है। ---------------- बयान : नदियों का मुआयना किया गया है। सभी नदियों का जलस्तर सामान्य हो गया है। नगर व ग्रामीण क्षेत्र के प्रभावित लोगों को राहत मिल गई है। कृषि विभाग अपने स्तर से क्षति का आकलन कर रहा है। विनोद मिश्रा, सीओ

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