बारिश में इमरती कटहरवा गांव की मुख्य सड़क कटी
बगहा। बारिश कम होने के साथ नदियों के जलस्तर में मामूली कमी आई है। पर अब कृषि भूमि के क
बगहा। बारिश कम होने के साथ नदियों के जलस्तर में मामूली कमी आई है। पर, अब कृषि भूमि के कटाव का खतरा बढ़ गया है। जिन तटवर्ती गांवों में बीते मंगलवार को पानी घुस गया था। नदियों में पानी कम होने के साथ हीं वहां का पानी निकल गया है। पर, अब तटवर्ती गांवों में कृषि भूमि का कटाव होना सुनिश्चित है। इधर मसान नदी में आए उफान से इमरती कटहरवा गांव तक जाने वाली एक मात्र मुख्य सड़क का कटाव हो गया है। जबकि इस गांव को बचाने के लिए हुए एंटीरोजन कार्य व बंबू पाइलिग भी क्षतिग्रस्त हो गया है। दोन में भी गोबरहिया, भुअरहवा, गर्दी आदि गांवों से भलुई नदी का पानी निकलने लगा है। पर, अभी घरों में रहने में तमाम तरह की परेशानियां हैं। हरिहरपुर से भी नदी का पानी निकल गया है। पर, यहां खाना बनाने से लेकर अन्य कार्य घर में बने मचान पर हो रहा है। अंदर घरों में कीचड़ पानी भरे हुए हैं।
वार्ड सदस्य सुरेश उरांव का कहना है कि पानी निकल गया है। पर, परेशानी नहीं। इधर अवरहिया में भी किृषि भूमि के कटाव की सूचना मिली है। देवराज के सेरहवा गांव के समीप भी कुछ ऐसी ही कहानी है। यहां से मसान नदी का पानी निकल गया है। पर, यहां निजामुद्दीन, मो. वजीर, मो. सानी, रूदल मियां, असगर मियां समेत करीब 20 लोगों के घर में पानी घुसा था। ग्रामीणों का कहना है कि पानी निकल गया। पर, अनाज कपड़ा आदि सभी सामान खराब कर गया है। इधर इसी स्थल पर अब मसान नदी पूरब के तरफ मुड़ गई है। जिसके कारण नवका टोला से खैरटिया टोला तक जाने वाली सड़क का कटाव हो चुका है। नदी अब स्कूल के करीब पहुंच गई है। नगर में रामरेखा नदी का जलस्तर हुआ कम पर, समस्या कम नहीं इधर नगर के बीचोबीच से होकर गुजरने वाली रामरेखा नदी का जलस्तर भी कम हो गया है। जिससे जोलहा टोली, वार्ड नौ, ठाकुरबारी टोला, कुरैशी टोला, रतनपुरवा के साथ चौरसिया नगर पर नदी का दबाव कम हो गया है। पर, मौसम को देखकर अभी इन टोलों के लोगों में चिता है। अगर बारिश अधिक होती है तो, स्थानीय लोगों को ऊंचे स्थलों पर शरण लेना पड़ सकता है। हालांकि बुधवार की सुबह से बहुत कम बारिश हुई है। जिससे लोगों को राहत मिली है। साथ ही नई बाजार समेत कुछ जगहों का पानी निकल गया है। वर, वार्ड 20 गोला बाजार के कुछ मोहल्लों में, आर्यनगर, चौरसियानगर में जलजमाव दिख रहा है। बीते मंगलवार से 100 मिलीमीटर कम हुई बारिश प्रखंड से होकर गुजरने वाली नदियों की कहानी बस कुछ घंटों की होती है। बीते मंगलवार को हुए बारिश से सभी नदियों में उफान आ गया था। पर, बुधवार सुबह तक सभी नदियों का जलस्तर कम हो गया है। इसका कारण यह है कि सोमवार सुबह से मंगलवार की सुबह तक जहां 266 मिलीमीटर बारिश हुई थी। वहीं बीते चौबीस घंटे में यह घटकर 168 मिलीमीटर रह गई है। हालांकि मौसम अभी बारिशमय बना हुआ है। साथ हीं मौसम विभाग के सूत्रों की माने तो, अभी दो दिनों तक बारिश होने की संभावना है। बयान : प्रखंड के कुछ स्थलों का निरीक्षण किया गया है। नदियों का जलस्तर कम हो गया है। कुछ स्थलों पर समस्या है। कृषि भूमि के कटाव पर नजर रखने का निर्देश कर्मियों को दिया गया है।
विनोद मिश्रा, सीओ
इंसेट बभनी गांव में दूल्हे को गोद में बैठाकर निकाला गया गांव से बाहर फोटो : 20 कोरोना के कारण शादी विवाह पर पहले से हीं ग्रहण लगा हुआ है। बैंड बाजा व अधिक बराती पर रोक है। अब बारिश के कारण भी इस पर मार पड़ रही है। साथ ही यह सरकार के विकास के दावे की पोल भी खोल रही है। प्रखंड में भी कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार की शाम को देखने में आया। प्रखंड के बभनी गांव में बीते मंगलवार को बारिश के कारण बाहर निकलने का रास्ता ही बंद हो गया। गांव के बाढू साह के पुत्र प्रमोद साह की बरात मोतिहारी के ननकार गांव के लिए निकलनी थी। गीत व नेग के कारण समय लग गया। जिसके कारण खदरहवा नाला भर गया। बरात तो निश्चित थी। पर, ऐन मौके पर पानी आ जाने के कारण गांव टापू बन गया। अब टापू बने इस गांव से दुल्हा को लोगों ने कंधे व गोद में उठाकर बाहर निकाला। बराती भी कपड़े खोलकर गांव के बाहर लगे वाहन तक पहुंचे। जहां से दुल्हा व बराती शादी के लिए रवाना हुएं। बता दें कि इस गांव की प्रत्येक साल यही कहानी है। महज एक खदरहवा नाला के कारण प्रतिवर्ष बरसात में गांव टापू बन जाता है। ग्रामीण मनोज यादव व अशोक कुशवाहा का कहना है कि कई बार इस संदर्भ में जन प्रतिनिधियों से गुहार लगाई गई। पर, कार्य नहीं हो सका।