पर्यटन स्पॉट बन रहा अमवा मन, पर्यटक करेंगे केज कल्चर का दीदार
बेतिया। एनएच 727 के सटे जिला मुख्यालय के प्रवेश द्वार स्थित अमवा मन (झील) पर्यटन स्पॉट के रूप मे
बेतिया। एनएच 727 के सटे जिला मुख्यालय के प्रवेश द्वार स्थित अमवा मन (झील) पर्यटन स्पॉट के रूप में विकसित हो रहा है। यहां पर्यटक केज कल्चर में रंग-बिरंगी मछलियां देख सकेंगे। केज कल्चर से मछली पालन को भी बढ़ावा देने की योजना है। वैसे, आरंभ में केज कल्चर का मॉडल पर्यटकों के लिए ही विकसित किया जाएगा। जिलाधिकारी कुंदन कुमार स्वयं इसकी मॉनीटरिग कर रहे हैं। केज कल्चर में एक ही जगह ऑर्नामेंटल मछलियां रखी जाएंगी, ताकि पर्यटक जब चाहे इसे देख सकेंगे।
अमवा मन 400 एकड़ में फैली एक खूबसूरत व मनोरम प्राकृतिक झील है। इसे विकसित करने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर विस्तृत कार्ययोजना पर काम शुरू किया गया है। इसे ऐतिहासिक, जैविक व भौगोलिक लुक देने का प्रयास किया जा रहा है। थिमेटिक पार्क का निर्माण भी होना है। पर्यटकों के लिए बोटिग की सुविधा भी होगी। बच्चों के लिए चिल्ड्रेन पार्क बनाया जाएगा। झील के चारों ओर वाकिग स्लॉट का भी निर्माण कराया जा रहा है ताकि पर्यटक घूमते हुए यहां की सुंदरता का अवलोकन कर सकें।
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क्या है केज कल्चर
केज कल्चर में पिजरे की तरह दिखने वाले जाल में मछलीपालन किया जाता है। इसमें ऑर्नामेंटल(सजावटी) मछलियां भी पाली जाती हैं। नदी, जलाशय, तालाब आदि में केज लगाकर मछलीपालन किया जाता है। आमतौर पर जीआइ पाइप से केज का फ्रेम बनाया जाता है। उसके बाद जाल लगाकर मछली पालन किया जाता है। इससे कम जगह में ज्यादा मछली की पैदावार ली जा सकती है। साथ ही जब आवश्यकता हो केज को नदी से बाहर निकाला जा सकता है। मछलियों को आसानी से भरपूर भोजन भी दिया जा सकता है। हालांकि इस विधि से कम बारिश वाले क्षेत्र में मछली पालन किया जाता है।
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वीटीआर पैकेज की भी शुरुआत
अमवा मन जिले के प्रवेश द्वार पर स्थित है, ऐसे में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व आने वाले पर्यटकों को इस स्थल को देखने का अवसर पहले ही मिलेगा। हाल के वर्षों में वीटीआर में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके लिए राज्य सरकार ने वीटीआर पैकेज की भी शुरुआत कर रखी है। इस पैकेज में अमवा मन और सरैयामन झील को पर्यटन पैकेज में जोड़ने के लिए सूबे के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने भी अधिकारियों को निर्देश दिया है। जिले में पर्यटन का एक सर्किट विकसित किया जाएगा ताकि आने वाले पर्यटकों को सुखद अनुभूति हो।
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कोट
अमवा मन को पर्यटकों के लिए विकसित किया जा रहा है। इससे वीटीआर में भ्रमण करने के लिए आने वाले पर्यटकों को जिले के प्रवेश द्वार पर सुखद अनुभूति होगी।
-- कुंदन कुमार, जिलाधिकारी, पश्चिम चंपारण।