संबंधी ने रची थी अपहरण की साजिश

रामनगर में अपहरण के महज 48 घंटे के भीतर पुलिस ने अपहृत किशोर को अपराधियों के चंगुल से मुक्त करा लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Nov 2019 01:34 AM (IST) Updated:Sat, 23 Nov 2019 06:11 AM (IST)
संबंधी ने रची थी अपहरण की साजिश
संबंधी ने रची थी अपहरण की साजिश

बगहा। रामनगर में अपहरण के महज 48 घंटे के भीतर पुलिस ने अपहृत किशोर को अपराधियों के चंगुल से मुक्त करा लिया। साथ हीं तीनों अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार की संध्या पहर पुलिस ने अपहृत किशोर को लौकरिया थाना क्षेत्र के गरकट्टी गांव के समीप नइम शेख के बगीचा के पास से बरामद किया। एसडीपीओ अर्जुन लाल ने बताया कि सेमरा थाना क्षेत्र के ओझवलिया महुअर टोला निवासी विश्वजीत चौधरी के 14 वर्षीय पुत्र दीपक कुमार का अपहरण गांव के समीप से बीते 19 नवंबर की संध्या पहर कर लिया गया था। जिसकी सूचना दीपक के पिता ने सेमरा थाने को दी। सूचना मिलने के बाद सेमरा थानाध्यक्ष दुष्यंत कुमार, लौकरिया थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार एवं एसटीएफ के इंस्पेक्टर अभिराम सिंह की संयुक्त टीम गठित की गई। दो दिनों की टेक्निकल मॉनीटरिग के बाद से सबसे पहले अपहृत किशोर के फुफेरे भाई सेमरा थाना क्षेत्र के नौतनवा गांव निवासी नीतीश कुमार को गिरफ्तार किया गया। पहले तो उसने इस घटना में अपनी संलिप्तता से इंकार किया। पर, बाद में उसने संलिप्तता स्वीकार कर ली। जिसके बाद उसके निशानदेही पर लौकरिया थाना क्षेत्र के गरकट्टी गांव निवासी गम्हा बीन के पुत्र दिलीप कुमार एवं गिरीजेश कुमार पिता चंद्रिका साह को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों नीतीश के दोस्त हैं। इनके पास से तीन मोबाइल व एक बिना नंबर की बजाज प्लेटिना बाइक बरामद की गई है। एसडीपीओ ने बताया कि दीपक के परिजनों से तीन लाख रुपये की फिरौती की मांग की जा रही थी। जिसकी शिकायत दीपक के पिता ने सेमरा थाने से की थी। जिसके बाद मोबाइल नंबर एवं अन्य तकनीकी तरीकों से अभियुक्तों को पकड़ लिया गया।

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मिले थे 1.80 लाख रुपये :

अपहृत दीपक के पिता ने 15 दिन पहले किसी जरूरी काम के लिए अपनी जमीन को एक लाख 80 हजार रुपये में बंधक रखा था। इसकी जानकारी नीतीश को थी। जिसके बाद वह किसी भी तरह से इस पैसे को हासिल करना चाहता था। इसके लिए दोनों दोस्तों के साथ प्लान बनाई। इसके बाद वह 19 तारीख को संध्या समय पहले बाइक सीखाने के बहाने गांव से बाहर दीपक को ले गया। जब अंधेरा अधिक हो गया तो उसे घर जाने के लिए छोड़ दिया। जिसके बाद दीपक जैसे ही पैदल अपने घर की तरफ बढ़ा, घात लगाकर बैठे उसके दोनों दोस्तों ने दीपक का अपहरण कर लिया।

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फिरौती के लिए गुजरात के मोबाइल नंबर का किया इस्तेमाल :-

एसडीपीओ अर्जुन लाल ने बताया कि जिस मोबाइल से अपहरणकर्ताओं ने अभिभावकों से फिरौती की रकम की मांग की थी। उस नंबर के बारे में जब डिटेल निकाला गया तो वह नंबर गुजरात के सूरत का निकला। जिसमें स्थानीय युवक का पता दिया गया था। जिसमें नाम दिलीप कुमार व पता चिउटांहा का था। जांच के क्रम में यह पता हीं फर्जी निकला।

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पुलिस ने भी अभियुक्तों से की थी मोबाइल से बात :-

इस जांच कार्य में जुटे पुलिस के अधिकारियों ने अपहरण करने वालों से दीपक के रिश्तेदार बनकर बात की थी। साथ हीं उनसे गरीबी का हवाला देकर तीन लाख की राशि घटाने को कहा था। पर अपहर्ताओं ने रकम को बढ़ाकर पांच लाख तक कर दिया था। जिसके बाद बातचीत की गुंजाइश खत्म हो गई थी।

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