एक माह में प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली का नगर परिषद ने बनाया कीर्तिमान

नप सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच नप की कलेक्शन की टीम ने बेहतर कार्य किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 09:46 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 09:46 PM (IST)
एक माह में प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली का नगर परिषद ने बनाया कीर्तिमान
एक माह में प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली का नगर परिषद ने बनाया कीर्तिमान

बेतिया। नप सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच नप की कलेक्शन की टीम ने बेहतर कार्य किया है। साथ में शहर के नागरिकों ने भी इस वैश्विक महामारी के दौर में टैक्स जमा करने में अपेक्षित सहयोग किया है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 की प्रथम तिमाही में 61.12 लाख की वसूली की गई है। लॉकडाउन में साल के प्रथम दो माह अप्रैल और मई में मात्र 15.22 लाख की ही वसूली की जा सकी थी। जबकि 1 से 30 जून तक के एक माह में 45.89 लाख की वसूली की गई है।

सभापति ने कहा कि यद्यपि यह वसूली विभाग द्वारा निर्धारित वार्षिक लक्ष्य के बहुत अनुकूल नहीं है। फिर भी कोरोना वैश्विक महामारी जैसे संकट के बावजूद सकारात्मक उम्मीद जगाने वाली है। लॉकडाउन के बावजूद एक अप्रैल 2020 से बीते 31 मई तक में भी बीते साल से अधिक 15.22 लाख की वसूली संतोषजनक कही जाएगी। सभापति ने बताया कि चालू वर्ष की प्रथम तिमाही में कर संग्राहकों में आदित्यनाथ गुप्ता ने सर्वाधिक 30.90 लाख रुपये की वसूली की है। वहीं नूर आलम के द्वारा 19.69 लाख, मोहन प्रसाद के द्वारा 9.37 लाख की वसूली की गई है। जबकि नप के स्थाई कर संग्राहक अभय कुमार के द्वारा अप्रैल एवं मई में मात्र 1.09 लाख की ही वसूली की गई है। विगत वित्तीय वर्ष में 5.53 करोड़ के लक्ष्य के परिपेक्ष्य में 1.32 करोड़ ही वसूले जा सके थे।

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स्थायी कर संग्राहक से स्पष्टीकरण

नप के स्थाई कर संग्राहक अभय कुमार की कार्यशैली संतोषजनक नहीं है। दो माह में मात्र 1.09 लाख की वसूली उन्होंने की है। इस मामले को नप सभापति ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने संबंधित कर संग्राहक से स्पष्टीकरण पूछने का आदेश दिया है। क्योंकि एक कर संग्राहक 30.90 लाख की वसूली कर सकता है तो अन्य कर संग्राहकों को भी उसी के अनुरूप कार्य करना चाहिए।

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बैठक कर बनेगी रणनीति

पिछले वर्ष अपेक्षित टैक्स की वसूली नहीं हो पाई थी। 2019- 20 में 5.58 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था। जबकि 1.32 करोड़ की वसूली हुई थी। उस वक्त कोरोना जैसी वैश्विक महामारी भी नहीं था। अभी चालू वित्तीय वर्ष में कोरोना संकट भी है। जिसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। ऐसे में टैक्स की वसूली की जा सके। इसके लिए शीघ्र हीं एक बैठक कर रणनीति बनाई जाएगी। इस स्थिति को बदलने के लिए शीघ्र ही नप के कर संग्राहकों के साथ एक बैठक कर के कार्ययोजना निर्धारित की जायेगी।

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