बाढ़ प्लानिग:गंडक बराज के एफलेक्स बांध की सुरक्षा भगवान भरोसे

पश्चिमी चंपारण। गंडक बराज के दाएं तटबंध एफलेक्स बांध का कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण बांध पर खतरा मंडराने लगा है। इससे जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई है। पश्चिमी चंपारण। गंडक बराज के दाएं तटबंध एफलेक्स बांध का कार्य पूर्ण नहीं होने के का

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 May 2020 09:08 PM (IST) Updated:Thu, 28 May 2020 09:08 PM (IST)
बाढ़ प्लानिग:गंडक बराज के एफलेक्स बांध की सुरक्षा भगवान भरोसे
बाढ़ प्लानिग:गंडक बराज के एफलेक्स बांध की सुरक्षा भगवान भरोसे

पश्चिमी चंपारण। गंडक बराज के दाएं तटबंध एफलेक्स बांध का कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण बांध पर खतरा मंडराने लगा है। इससे जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई है। एफलेक्स बांध का सुरक्षात्मक कार्य नौ मार्च 2019 प्रारंभ हुआ था। शुक्र था कि 2019 में गंडक बराज के जलाशय में चार लाख क्यूसेक से कम ही पानी आया। हालांकि, अभियंताओं की तत्परता से जिओ बैग एवं नायलॉन केरेटिग की सहायता से किसी तरह एफ्लेक्स बांध को बचा लिया गया। लेकिन, इस इस बार सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार हैं।

ऐसे में एफ्लेक्स बांध की सुरक्षा भगवान भरोसे हो चली है। 23 जुलाई 2002 को 6 लाख 29 हजार जल दबाव के कारण गंडक बराज का दायां एफलेक्स बांध टूट गया था । जिससे सीमावर्ती नेपाल में व्यापक क्षति हुई थी ।गंडक बराज नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने बताया कि गंडक बराज के जलाशय में सिल्ट जमा हो जाने से इसकी क्षमता घटकर 6 लाख क्यूसेक हो गई है। 21 जुलाई 2016 की मध्य रात्रि गंडक बराज का 33 नंबर फाटक क्षतिग्रस्त हो गया था।

31 मार्च तक करना है पूरा

एफ्लेक्स बांध के सुरक्षात्मक कार्य को 31 मार्च 2021 तक पूरा कर लेना है। लेकिन, कोरोना के कारण इस योजना पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है।

इस बाबत कार्यपालक अभियंता जमील अहमद ने बताया कि जलसंसाधन विभाग वाल्मीकि नगर की ओर से नवलपरासी (नेपाल) के जिला प्रशासन से पर संपर्क साधा गया। दो बार बैठक भी की गई। नेपाल सरकार के द्वारा लॉक डाउन का हवाला देकर नेपाल प्रभाग में कार्य करने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया गया। जानकारों की मानें तो अत्यधिक जल दबाव आने पर एफलेक्स बांध टूट सकता है।

गंडक बराज में लगे हैं 36 फाटक

गंडक बराज में कुल 36 फाटक लगे हैं। जिसमें 18 भारत में तथा 18 नेपाल में है। इनमें फाटक संख्या 29, 31 एवं 34 की स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में जल दबाव से जहां बांध को खतरा है। वहीं गंडक बराज के तीन फाटक भी सुरक्षित नहीं है। कोरोना के कहर से जूझ रहे बिहार को बाढ़ और कटाव की बड़ी तबाही झेलनी पड़ सकती है। दरअसल कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने बाढ़ पूर्व तैयारियों पर ब्रेक लगा दिया है । नेपाल बॉर्डर सील होने के कारण गंडक बराज के तीन जर्जर फाटकों को भी नहीं बदला जा सका है। गंडक नदी के गर्भ से सिल्ट की निकासी का कार्य भी अधर में लटका है। ऐसे में जलस्तर में वृद्धि के बाद बाढ़ का बड़ा खतरा उत्तर बिहार एवं नेपाल पर मंडरा रहा है। हालांकि तब तक इस साल तटबंध को बचाने के लिए उसकी मरम्मत भी की जानी थी , ताकि नदी में पानी बढ़ने पर और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर तटबंध को कोई अधिक नुकसान न हो सके । जानकारों की मानें तो गंडक बराज के अपस्ट्रीम में गंडक नदी का तटबंध जर्जर अवस्था में है और इसके कारण इसमें रिसाव का खतरा बना रहता है।

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