गंडक नदी के उफान से लोगों की धड़कनें तेज, बैजुआ गांव बाढ़ की चपेट में

गंडक नदी के गोद में बसा बैरिया प्रखंड का बैजुआ पंचायत हर साल की तरह इस बार भी गंडक नदी की चपेट में आ गया है। नदी का उफान अधिक होने के कारण पंचायत की एक तिहाई हिस्सा बाढ़ में तब्दील हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 12:48 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 12:48 AM (IST)
गंडक नदी के उफान से लोगों की धड़कनें तेज, बैजुआ गांव बाढ़ की चपेट में
गंडक नदी के उफान से लोगों की धड़कनें तेज, बैजुआ गांव बाढ़ की चपेट में

बेतिया । गंडक नदी के गोद में बसा बैरिया प्रखंड का बैजुआ पंचायत हर साल की तरह इस बार भी गंडक नदी की चपेट में आ गया है। नदी का उफान अधिक होने के कारण पंचायत की एक तिहाई हिस्सा बाढ़ में तब्दील हो गई है। यहां बता दें कि पंचायत के दोनों तरफ का हिस्सा गंडक नदी की चपेट में है। भारी बारिश होने के कारण नेपाल के पहाड़ी इलाकों से निकल रही पानी तराई क्षेत्रों की ओर बढ़ी तेजी से आगे की बढ़ रहा है। बताया जाता हैं कि गंडक बाराज से बुधवार को तकरीबन 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जो गंडक नदी के जल ग्रहण क्षमता से काफी अधिक है। इस वजह से दियरा इलाके के घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। सूर्यपुर पंचायत के कुछ अंश भाग में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। ग्रामीण चंद्रिका यादव, ध्रुव यादव, अरुण यादव, पारस यादव आदि लोगों ने बताया कि नदी के पानी इतना तेजी से आगे बढ़ रहा हैं कि मानों रात भर में घर के चारों तरफ पानी भर जाएगा। लोगों ने अभी संभावना व्यक्त किया है कि रात तक अगर पानी इसी तरह से बढ़ता रहा तो सभी घरों में पानी घुस जाएगा। दियरा इलाका के लोगों ने सुरक्षित स्थानों के लिए प्लान करना शुरू कर दिए है।

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टीले में तब्दील हुआ गांव

गंडक नदीका बहाव इतना अधिक हैं कि दियरा इलाके में रहने वाले लोग ऊंचे स्थान पर अपना अशियाना तैयार कर रहे है। दियरा इलाके में कुछ ऐसे स्थान हैं, जो ऊंचे है। वहां माल-मवेशियों को रख हुए है। चारों तरफ पानी ही पानी है। कुछ लोग चंपारण तटबंध पर रहने के लिए व्यवस्था में लगे हुए हैं।

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चंपारण तटबंध पर रैन कट, दबाव जारी

एक तरफ मूसलाधार बारिश के कारण चंपारण तटबंध के कई हिस्सों में सीपेज की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिससे लोगों में डर का माहौल है। लोगों का कहना हैं कि कहीं चंपारण तटबंध क्षतिग्रस्त हो जाए तो पूरा इलाका जलमग्न हो जाएगा। लोगों ने बताया कि समय पर तटबंध की मरम्मति नहीं हई है। लिहाजा तटबंध पर सीपेज जारी है। वहीं विभाग द्वारा लगातार बालू भरे बोरे से मरम्मति का कार्य किया जा रहा है। कनीय अभियंता प्रदीप कुमार ने बताया कि भारी वर्षा से सीपेज हो गया था विभाग कैंप कर रैनकट का कार्य कर रही है। जिस जगह पर सीपेज हुआ है वहां सीमेंट के बोरे में बालू भर कर के मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। फिलहाल तटबंध पर किसी तरह का खतरा नहीं है।

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