गंडक की उपधारा के कटाव से हाहाकार, पलायन कर रहे लोग
बेतिया । योगापट्टी प्रखंड के गंडक तटवर्ती इलाके सिसवा से लेकर मंगलपुर मंधातापुर खापटोला करबोला बीनटोली सहित आधा दर्जन गांवों के समीप गंडक की उपधारा कटाव कर रही है।
बेतिया । योगापट्टी प्रखंड के गंडक तटवर्ती इलाके सिसवा से लेकर मंगलपुर, मंधातापुर, खापटोला, करबोला, बीनटोली सहित आधा दर्जन गांवों के समीप गंडक की उपधारा कटाव कर रही है। विगत दो दिनों से शुरू कटाव के कारण आधा दर्जन गांव के सैकड़ों एकड़ गन्ना और धान की फसल नदी में समाहित हो गई है। गांवों में अफरा-तफरी की स्थिति है। लोग गांव को छोड़ सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने लगे है। वहीं कुछ लोग तंबू लगाने के फिराक में है। कटाव की रफ्तार काफी तेज है। प्रखंड के सिसवा मंगलपुर पंचायत का अस्तित्व खतरे में है। वहीं बैरिया प्रखंड के पूजहां और श्रीनगर पर भी खतरा कुछ कम नहीं है। मंधातापुर, मंगलपुर और सिसवा दलितबस्ती गांव के समीप कटाव हो रही है। जबकि, खापटोला गांव के करबोला टोला का तीन हिस्सा नदी में पहले ही समाहित हो चुका था। अब बचा हुआ हिस्सा कट गया है।
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क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीण कल्याण मुखिया, चुन्नू पांडेय, जयराम मुखिया, लालसर यादव, श्रीरीकुशुन मुखिया आदि लोगों ने बताया कि ऐसी स्थिति उत्तर प्रदेश के द्वारा गंडक नदी के मुहाने को चीरकर बिहार में बह रही गंडक की उपधारा भसहवां के समीप मिलाने की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। बीते 11 मई 21 को ग्रामीणाों ने इसका विरोध किया, तब गंडक नदी के मुहाने की खुदाई पर रोक लगा दिया था। 12 और 13 मई को तत्कालीन एसडीओ विद्यानाथ पासवान, सीओ अभिषेक कुमार मौके पर पहुंचे काम बंद कराया। फिर भी चोरी छिपे इस कार्य को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रतिनियुक्त ठीकेदार ने कराया दिया।
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ग्रामीणों ने दी अधिकारियों को सूचना
स्थानीय लोगों का कहना हैं कि अकसर नदी के भयावह रूप से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हर वर्ष इन गांव के लोग बाढ़ व कटाव की त्रासदी को झेलते है। नदी द्वारा हो रहे कटाव की सूचना स्थानीय प्रशासन को दे दी गई है। लेकिन अभी तक इस आपदा की सुधि लेने के लिए कोई अधिकारी नहीं पहुंचे है।