आपदा की इस घड़ी में ऋण धारकों की गिरफ्तारी पर आक्रोश

बेतिया । कोरोना एवं अत्यधिक वर्षा के कारण बिहार के विभिन्न जिलो समेत चंपारण भी पुरी तरह से त्रस्त है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:30 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:30 PM (IST)
आपदा की इस घड़ी में ऋण धारकों की गिरफ्तारी पर आक्रोश
आपदा की इस घड़ी में ऋण धारकों की गिरफ्तारी पर आक्रोश

बेतिया । कोरोना एवं अत्यधिक वर्षा के कारण बिहार के विभिन्न जिलो समेत चंपारण भी पुरी तरह से त्रस्त है। ऐसे में बैंको के ऋण धारकों के गिरफ्तारी से लोगो में आक्रोश फैल गया है। ऋणी अपने घर से भागे भागे फिर रहे है। कई ऋणधारकों ने बैंको के बकाया राशि का भुगतान कर दिया है। बावजूद इसके बैंको की ओर से नो ड्यूज का प्रतिवेदन निलामपत्र पदाधिकारी के न्यायालय में नहीं भेजने के कारण उनके नाम पर जारी वांरट लेकर थाने की पुलिस घूम रही है और ऋण चुकाने के बाद भी गिरफ्तारी के डर से दर्जनों लोग अपना घर छोड़ चुके है। इधर राकांपा के जिलाध्यक्ष प्रो. परवेज आलम, भाकपा माले के सुनील कुमार राव, राजद के अमर यादव ने ऋणियों के गिरफृतारी पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। इन नेताओं ने कहा है कि यदि तत्काल ऋणियों की गिरफ्तारी पर रोक नही लगाई जाती है, तो आंदोलन भी चलाया जाएगा। एक बयान जारी कर राकांपा नेता प्रो. परवेज आलम ने कहा है कि कोरोना काल में लॉक डाउन के कारण चंपारण के किसान, व्यावसायी एवं आमजनों की स्थिति बदहाल है। पेट्रोल और डीजल की महंगाई के कारण बढ़ती महंगाई जहां कमर तोड़ रही है, वहीं बाढ़ के कहर जिले की आधी से अधिक आबादी प्रभावित है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा बैंक कर्जदारों पर सख्ती दिखाते हुए उनके नाम वारंट निर्गत कर गिरफ्तारी आदेश जारी किया गया है। जिसके लिए यह समय उचित नहीं है। एक तरफ बड़े बड़े उद्योगपतियों का करोड़ों का लोन माफ हो रहा है। किसानों का गन्ना मूल्य का भुगतान करने में देरी कर रहे चीनी मिलो को सरकार विशेष पैकेज दे रही है। तो दूसरी ओर छोटे छोटे कर्जदारों पर कानूनी कार्रवाई हो रही है। कई ऋणि बकाया राशि का भुगतान भी करना चाह रहे है लेकिन बैंको के मनमानी एवं असहयोगात्मक रवैये के कारण संभव नहीं हो पा रहा है।

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