अब अस्पताल में नहीं होगी आक्सीजन की कमी, स्थापित किए जा रहे प्लांट

बगहा। जिले में तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जोरों पर है। बेड मेडिकल उपकरण आदि पर जोर दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 11:21 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 11:21 PM (IST)
अब अस्पताल में नहीं होगी आक्सीजन की कमी, स्थापित किए जा रहे प्लांट
अब अस्पताल में नहीं होगी आक्सीजन की कमी, स्थापित किए जा रहे प्लांट

बगहा। जिले में तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जोरों पर है। बेड, मेडिकल उपकरण आदि पर जोर दिया जा रहा है। ऑक्सीजन क्या भाव है सांसें थमे नहीं इस पर विशेष फोकस किया जा रहा है। विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जा रही है। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पांच ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की योजना पर काम हो रहा है। हालांकि फिलहाल एक प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। जबकि असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी 500 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाली तीन पीएस इकाइयों की स्थापना कर रही है। बताया जाता है कि तीनों प्लांट को मिलाकर हर दिन करीब 288 सिलेंडर को भरा जा सकता है। वही जर्मनी की लिडे कंपनी की भारतीय इकाई लिक्विएड ऑक्सीजन प्लांट लगा रही हैं । इन चारों प्लांट के शुरू होने से किसी भी विषम परिस्थितियों में ऑक्सीजन की कमी से काफी हद तक राहत मिलेगी। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ प्रमोद तिवारी ने बताया कि अस्पताल में बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन लिमिटेड के द्वारा एक ऑक्सीजन प्लांट पहले से लगा है।असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी तीन पीएस प्लांट लगा रही हैं । इसका भवन निर्माण का कार्य शुरू हो गया है । एक प्लांट की क्षमता 500 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन सप्लाई करने की है । एक प्लांट से प्रति दिन करीब 96 ऑक्सीजन सिलिडर को भरा जा सकता है।एक माह के अंदर इसके निर्माण कार्य के पूरा होने की संभावना है। जर्मनी की कंपनी लिडे की भारतीय इकाई लिक्विड ऑक्सीजन का एक प्लांट लगा रही हैं।वह लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का क्रायोजेनिक टैंक लगा रही हैं। टैंक में बाहर से लिक्विड ऑक्सीजन ला कर भंडार करेगी। लिक्विड ऑक्सीजन को गैस में तब्दील कर अस्पताल में पाइप लाइनों के माध्यम से प्रत्येक बेड पर सप्लाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक और ऑक्सीजन प्लांट लगाने की डिमांड की गई है। हालांकि फिलहाल इस पर विभागीय स्वीकृति नहीं मिली है लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इसकी डिमांड की है।बता दें कि कोरोना के दूसरे चरण में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन की खपत काफी बढ़ गई थी। प्रतिदिन ऑक्सीजन के बड़े वाले करीब 500 सिलिडर की खपत हो रही थी।

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इनसेट

विभाग का टेस्टिग, ट्रैकिग और ट्रीटमेंट पर फोकस

------- बढ़ाया गया दायरा, हर दिन 1800 जांच के निर्देश

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कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग टेस्टिग, ट्रैकिग और ट्रीटमेंट पर काम कर रहा है। जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अब हर दिन करीब 1800 सैंपल की जांच करनी है। इसके आलोक में जांच किया जा रहा है। बताया जाता है कि फिलहाल प्रतिदिन करीब 16 सौ से अधिक सैंपल की जांच किया जा रहा है। इसके साथ ही टीकाकरण पर भी जोर दिया जा रहा है। कैंप लगाकर लोगों को टीका लगाया जा रहा है। गल्ली मोहल्लों में टीकाकरण वैन के माध्यम से टीकाकरण किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ बीरेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि अनुमंडल अस्पताल नरकटियागंज और बगहा में एक-एक ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। नरकटियागंज में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू हो गया है। बगहा में भी बहुत जल्द शुरू हो जाएगी।

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