एक सप्ताह के होम क्वारंटाइन में ठीक हो रहे कोरोना के मरीज
बेतिया। जिले में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। हालांकि कोरोना से बचाव को लेकर
बेतिया। जिले में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। हालांकि कोरोना से बचाव को लेकर लोगों में अब जागरूकता भी दिख रही है। सड़क पर चलने वाले 80 फीसद लोग मास्क का उपयोग कर रहे हैं। अभी भी 20 फीसद लोगों की लापरवाही के कारण हीं कोरोना का संक्रमण इतनी तेजी के साथ फैल रहा है। अब तक जिले में 2298 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। लेकिन इन सब के बीच एक अच्छी खबर ये है कि जिस तेजी से वायरस फैल रहा है, उसी तेजी से मरीज तंदुरुस्त भी हो रहे हैं। होम क्वारंटाइन में एक सप्ताह में कोरोना संक्रमित निगेटिव हो जा रहे हैं। सरकारी आकड़े पर गौर करें तो जिले में एक्टिव कोरोना संक्रमित 787 हैं। लेकिन सिर्फ पांच कोरोना संक्रमित हीं कोविड - 19 अस्पताल में भर्ती हैं। शेष भी एक्टिव कोरोना संक्रमित होम क्वारंटाइन या फिर होम आइसोलेशन में हैं। मसलन, यह कि कोरोना का वायरस अब उतना प्रभावी नहीं रह गया है। यहां के लोगों ने इम्युनिटी सिस्टम को काफी मजबूत कर लिया है। अलग कमरे में रहें कोरोना संक्रमित
सेवानिवृत्त जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ किरण शंकर झा ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कम लक्षण वाले जिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को घर में आइसोलेट करने की इजा•ात दी है उनके लिए घर में अलग कमरा होना जरूरी है। इन मरीजों का अलग बाथरूम हो, एक ही बाथरूम हो तो रोज सैनिटाइज करना आवश्यक है। कोरोना संदिग्ध या कोरोना पॉजिटिव मरीज को किसी और से मिलने की इजाजत नहीं दी जाए। कोरोना के मरीज का बिस्तर, बर्तन और कपड़े भी अलग रखे जाएं। मरीज की हालत लगातार चेक करनी चाहिए। अगर मरीज की गंभीर हालत हो तो क्वारंटाइन की जगह अस्पताल ले जाएं। मजबूत इम्युनिटी के कारण लोग बहुत जल्द स्वस्थ हो रहे हैं। मास्क लगाना और शारीरिक दूरी का पालन करना चाहिए।
जानें क्या है होम क्वारंटाइन
होम क्वारंटाइन का मतलब घर पर अपने आप को स्वजनों से अलग कर लेना है। अगर आपको कोरोना वायरस से संक्रमित होने का संदेह है या फिर सर्दी-जुकाम है तो आप एक कमरे में अपने आप को अलग कर लें। इससे आपके परिवार में किसी को वायरस नहीं फैलेगा। घर में रहकर चिकित्सकों का परामर्श लेकर पूरी तरह से कोरोना को हरा सकते हैं।
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घर पर कैसे करें खुद को क्वारंटाइन
-होम क्वारंटाइन के लिए एक हवादार कमरा हो, जिसमें टॉयलेट भी हो।
-अगर उस कमरे में अन्य परिजन हो, तो दोनों में एक मीटर की दूरी हो।
-दोनों शख्स घर के अन्य बुजुर्गों, गर्भवतियों और बच्चों से दूर रहें।
-निगेटिव होने तक अपने आपको एक कमरे में रखें
-साबुन से हाथ धोएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
-घर में खुद से पानी, बर्तन, तौलिए और अन्य किसी चीज को न छुएं।