मोटरबोट से अब सरैयामन की खुली सैर करेंगे पर्यटक

सूबे का पहला घोषित वनाश्रयी उदयपुर के मध्य में अवस्थित सरैयामन अब शीघ्र पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 12:43 AM (IST) Updated:Wed, 20 Feb 2019 12:43 AM (IST)
मोटरबोट से अब सरैयामन की खुली सैर करेंगे पर्यटक
मोटरबोट से अब सरैयामन की खुली सैर करेंगे पर्यटक

बेतिया। सूबे का पहला घोषित वनाश्रयी उदयपुर के मध्य में अवस्थित सरैयामन अब शीघ्र पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। यहां पर्यटक एक ओर जहां सरैयामन में बो¨टग करेंगे, तो दूसरी ओर मन के चारों ओर विस्तृत जंगल की वादियों का दीदार करेंगे। वन विभाग ईको टूरिज्म को ध्यान में रखते हुए ई रिक्शा व कैंटीन की व्यवस्था शीघ्र ही करेगा। सरैयामन में बो¨टग के लिए 8 सीट वाला पेट्रोल चालित मोटर बोट लाया जा चुका है और नौकायन के लिए तैयार कर लिया गया है। पर्यटकों के रहने के लिए यहां पूर्व से दो-दो ईको हट है। इसके अलावा यहां काफी पुराना अतिथि गृह भी है। यहां आने वाले पर्यटकों को कोई असुविधा नहीं हो, इस पर बल दिया जा रहा है। पर्यटकों को इन सुविधाओं के लिए कितनी राशि खर्च करनी होगी, इसे अभी निर्धारित नहीं किया गया है। बेतिया वन प्रमंडल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पर्यटकों के लिए सरैयामन को पायलट मोड पर खोला जाएगा। इससे होने वाली आमदनी को ध्यान में रखते हुए इस व्यवस्था को किसे सौंपा जाए, इस पर निर्णय लिया जाएगा। उसी के अनुसार पर्यटकों के लिए शुल्क भी निर्धारित कर दिया जाएगा। यहां जो नाव लाई गई है, उससे दिन में पर्यटक सैर करेंगे, तो रात में सुरक्षा के ख्याल से इसका इस्तेमाल पेट्रो¨लग में भी होगा। नाव सर्चलाइट और वायरलेस सेट से लैस होगी।

इनसेट

100 से अधिक प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों का होगा दीदार

पटना से करीब 200 किलोमीटर एवं पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर की दूरी पर सरैयामन स्थित है। सरैयामन नवंबर से लेकर मार्च तक प्रवासी पक्षियों का आशियाना होता है। रंग बिरंगे एवं खूबसूरत पक्षी यहां आने वाले पर्यटकों को स्वत: अपनी ओर आकर्षित करते हैं। कोलाहल से दूर यहां का वातावरण पक्षियों के आश्रय का उपयुक्त समय होता है। जानकारों का मानना है कि विदेशी पक्षी यहीं आकर अंडे देते हैं और बच्चे लेकर पुन: ग्रीनलैंड एवं साइबेरिया को प्रस्थान कर जाते हैं। इसमें करीब 3 से 4 माह लग जाते हैं।

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पुत्रजीवा सहित विभिन्न वनस्पतियों के लिए मशहूर है उदयपुर जंगल

सरैयामन के चारों ओर 8 वर्ग किलोमीटर में उदयपुर जंगल फैला है। यह जंगल देश में पुत्रजीवा का सबसे बड़ा पैच है। इसके अलावा जंगल में कई तरह की दुर्लभ वनस्पतियां हैं, जिसका अध्ययन बोटैनिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम कर रही है। पिछले वर्ष इस टीम यहां से 37 प्रजातियों के वनस्पतियों का हारबेरियम तैयार कर अपने साथ ले गई। इस पर अध्ययन चल रहा है। मन का पानी भी किसी औषधि से कम नहीं है। स्थानीय लोगों के अनुसार यदि आप यहां का पानी पी लेते हैं, तो खाना तुरंत हजम हो जाता है। पानी का पीएच करीब 9 होने के चलते मछलियों के बढ़वार के लिए यह उपयुक्त जगह है। इसे ध्यान में रखते हुए वन विभाग व पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग केज फिश कल्चर पर भी विचार कर रहा है।

बयान

सरैयामन को पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। इसके लिए पायलट मोड पर काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

अभिषेक ¨सह

वन प्रमंडल पदाधिकारी

बेतिया

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