जलस्तर में कमी के बाद तेजी से कटाव कर रही मसान नदी
रामनगर प्रखंड का शोक मानी जाने वाली मसान नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गई।
बगहा। रामनगर प्रखंड का शोक मानी जाने वाली मसान नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गई। इसके साथ ही नदी ने कृषि योग्य भूमि को खुद में समाहित करना शुरू कर दिया है। नदी ने करीब 12 एकड़ कृषि योग्य भूमि का कटाव कर लिया है। जिसमें गन्ना एवं धान का फसल लगी हुई थी। वहीं नदियों के जल अधिग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण दोबारा जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावना है। यह अलग बात है कि बढ़े जलस्तर से अभी तटवर्ती गांवों में किसी तरह का खतरा नहीं है। बता दें कि अपनी धारा को बदलने में माहिर मसान नदी से प्रत्येक साल दोन के अवरहिया से लेकर, वृंदावन, सिसवा डीह, हरिहरपुर, संतपुर, बलुअहवा, कुम्हिया, चमरडीहा बड़गांव, भावल, पलिया, धनरपा, इमरती कटहरवा, महुई, इनारबरवा, बहुअरी, सेरहवा आदि करीब डेढ़ दर्जन गांव प्रभावित होते हैं। इनमें से कुछ गांव के लोगों को अधिक बारिश होने पर रतजगा करना पड़ता है तो, कुछ लोगों को ऊंचे स्थलों पर शरण लेनी पड़ती है। हालांकि अभी ऐसी स्थिति नहीं है। पर, मौसम विभाग के सूत्रों के अनुसार अगर बारिश अधिक होती है तो, इसका और अधिक विकराल रूप देखने को मिलेगा। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार गंगा चौधरी, श्रीकिशुन राम, सत्यनारायण मिश्रा, योगेन्द्र चौधरी, सलाउद्दीन गद्दी, राजेन्द्र गिरी, मोतीलाल यादव समेत कुछ अन्य किसानों का गन्ना व धान की फसल मसान नदी के द्वारा कटाव की जा रही है। सभी किसान चमरडीहा बड़गांव के हैं।
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इन नदियों से भी गांवों पर रहता है दबाव
मसान नदी के अलावा भलुई नदी से गोबरहिया, कापन से बनकटवा, नरकटिया, रघिया नदी से चंपापुर, सिगाहा से बखरी, बलुआ, सुखौड़ा से सेवरही, पथरी आदि गांवों पर दबाव बन जाता है। हालांकि अभी यह स्थिति नहीं है। अभी तक स्थिति सामान्य बताई जाती है। बता दें कि प्रखंड से होकर करीब आधा दर्जन बरसाती नदियां गुजरती हैं। जो सालो भर सुषुप्त रहती हैं। जबकि बरसात के दिनों में इनका रौद्र रूप देखने को मिलता है।
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बयान :
जलस्तर में मामूली कमी हुई है। हालांकि सभी नदियों पर नजर रखी जा रही है। अभी तक कहीं से किसी भी तरह की सूचना नहीं मिली है।
विनोद मिश्रा, सीओ