किसान की पुत्री बनी दारोगा, बढ़ाया इलाके का मान

बगहा। बगहा एक प्रखंड के परसा बनचहरी पंचायत स्थित खोड़ा परसा गांव निवासी किसान रामदास गुप्ता

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 11:13 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 11:13 PM (IST)
किसान की पुत्री बनी दारोगा, बढ़ाया इलाके का मान
किसान की पुत्री बनी दारोगा, बढ़ाया इलाके का मान

बगहा। बगहा एक प्रखंड के परसा बनचहरी पंचायत स्थित खोड़ा परसा गांव निवासी किसान रामदास गुप्ता की पुत्री आभा कुमारी ने दरोगा परीक्षा उत्तीर्ण कर इलाके का मान बढ़ाया है। आभा ने वर्षों पुराने अपने पिता के सपने को पूरा किया है। मामले का रोचक पहलू यह कि इसने अपने घर अपने माता पिता और भाइयों के साथ घर का काम और किसानी के काम को करते हुए सफलता अर्जित की है। शुक्रवार को पिता रामनाथ दास, माता उषा देवी, भाई विजय दास, अजय दास, बहन विभा कुमारी चाचा आदि ने आभा को मिठाई खिला कर उसका हौसला बढ़ाया। आभा की सफलता से आसापास के कई गांवों में हर्ष का माहौल है। नहीं रुक रहे पिता के खुशी के आंसू :-

रामनाथ दास बताते हैं कि मैं भी मुजफ्फरपुर में दरोगा भर्ती के लिए परीक्षा के बाद फिजिकल परीक्षा में भाग लिया था। कुछ कारण से मैं सफल नहीं हो सका। इसका मलाल था। बेटी को बार बार दरोगा बनने के लिए प्रेरित करता था। बेटी की शिक्षा के लिए पैसे भी नहीं थे। बेटी को घर से ही प़ढाई की। पहले रा.प्रा.विद्यालय खोडा परसा और फिर मेहुड़ा उच्च विद्यालय से मैट्रिक वर्ष 2006 में थर्ड डिविजन से उत्तीर्ण की। वह निराश थी। उसका उत्साहवर्धन किया। 2008 में इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की। स्नातक टीपी वर्मा कालेज से द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण किया। बीएड में प्रथम साल में पूरे महाविद्यालय में टॉप किया। इसके बाद सब इंस्पेक्टर की मुख्य परीक्षा में सफलता प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। पिता ने अपील की कि सभी लोग बेटियों की शिक्षा पर ध्यान दें। बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं। दादा व माता पिता के आशीर्वाद से मिली सफलता :-

आभा कहती है। आरंभ में जब मैट्रिक में कम अंक आए तो मैं निराश हो गई। उसी समय मेरे दादा व शिक्षक स्व. पशुपति दास ने मेरा हौसला बढ़ाया। कहा आगे बढ़ो और परिश्रम करों। मंजिल तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही है। घर के सभी लोगों ने हौसला बढ़ाया। इसके बाद घर और मवेशियों की सेवा करते हुए स्वाध्याय करती रही। अब मंजिल मिली है। इस सफलता में मेरे पूरे परिवार के साथ टीपी वर्मा के सुनील कुमार वर्मा, जीजा अनिल कुमार, फिजिकल शिक्षक सत्यदेव गुप्ता का पूरा सहयोग है।

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