नहीं हो रही मुकम्मल जांच, बस से लौटने वाले बन रहे संक्रमण के वाहक
बगहा। प्रतिदिन बस व रेल मार्ग से सैकड़ों की संख्या में बाहर से आने वाले प्रवासी क्षेत्र में संक्रम
बगहा। प्रतिदिन बस व रेल मार्ग से सैकड़ों की संख्या में बाहर से आने वाले प्रवासी क्षेत्र में संक्रमण ला रहे हैं। जिसपर शिकंजा कसने के लिए स्वास्थ्य महकमा द्वारा रेलवे स्टेशन पर जांच कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। लेकिन बस स्टेशनों पर ना तो यहां से बाहर जाने वाले और ना ही बाहर से यहां आने वाले लोगों का ही जांच की जा रही है।
पिछले कुछ दिनों से जांच में के क्रम में जितने मरीज मिले हैं, उनमें अधिकतर बाहर से लौटे प्रवासी हैं। इसके बाद भी बाहर से आनेवाले लोगों की जांच में लापरवाही बरती जा रही है। रेलवे स्टेशन को अगर छोड़ दिया जाय तो बस स्टेशन पर जांच नहीं हो रही है। यूं कहा जाए तो बस स्टेशनों पर इसकी कोई व्यवस्था ही नहीं है। जबकि ऐसा देखा जाता है कि बसों से आने वाले अधिकतर यात्री स्टेशन से पहले ही उतर जाते हैं। बस चालकों का कहना है कि बस से आने वाले अधिकतर यात्री अपने घर या गांव के समीप ही रोकवा कर उतर जाना सुविधा मानते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जब तक परदेश से आने वाले हर व्यक्ति का त्वरित जांच नहीं होता तब तक संक्रमण का खतरा बरकरार है।
यात्रियों की हो रही जांच
-रेलवे स्टेशन पर लंबी दूरी से आने वाली प्रत्येक गाड़ियों के यात्रियों की जांच की जाती है। जो नियमित रूप से चल रहा है। प्रतिदिन तीन गाड़ियों क्रमश: सप्तक्रांति सुपरफास्ट, सत्याग्रह और बांद्रा (अवध एक्सप्रेस) की जांच की जाती है। इसके अलावे साप्ताहिक गाड़ियों की भी पर्याप्त जांच की जाती है। रेलवे स्टेशन व शहरी पीएचसी के अलावा हरनाटांड़ पीएचसी में भी कोरोना जांच की जाती है। जहां प्रतिदिन पहुंचने वाले प्रतिव्यक्ति की जांच अनिवार्य है। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के हिसाब से जांच होता है जबकि पीएचसी में कभी 50 तो कभी 25 से 30 की संख्या में जांच प्रतिदिन किया जाता है। शहरी पीएचसी केअनुसार बीते एक सप्ताह में करीब 625 लोगों की जांच की गई है जिसमें करीब डेढ़ दर्जन लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।
--- इसके अलावा बगहा दो प्रखंड में कोरोना जांच के लिए तीन केंद्र बनाए गए हैं। क्रमश: हरनाटांड, शहरी पीएचसी व रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन जांच किया जाता है। जिसमें सिर्फ स्टेशन पर अब तक करीब 18 यात्री संक्रमित पाए गए हैं।
शारीरिक दूरी का पालन नहीं :
वर्तमान हालात की स्थिति यह है कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए कोरोना गाइडलाइन का कहीं भी पालन नहीं किया जा रहा। लगभग हर लोग इससे बेफिक्र हो गए हैं। सरकारी कार्यालय, बाजार या कहीं भी यात्रा पर जाते समय कोई व्यक्ति मास्क नहीं लगाता है और ना ही शारीरिक दूरी पालन नहीं किया जाता है। स्थानीय जिम्मेदार या पुलिस प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। अब तक करीब आधा दर्जन कंटेंनमेट जोन बनाया जा चुका है। शहरी पीएचसी के कोविड प्रभारी सह नोडल
हेड डॉ. रणवीर सिंह ने बताया कि जिस इलाके में मरीज मिल रहे वहां कंटेंनमेंट जोन बनाने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि जिस दिन संक्रमित होने की पुष्टि होती है उसी दिन या दूसरे दिन सुबह में गठित मेडिकल टीम द्वारा पूरे क्षेत्र को सील करते हुए कंटेनमेंट जोन बना दिया जाता है। साथ ही वहां के लोगों को भी इसके प्रति जानकारी देकर जागरूक किया जाता है।
कितने बने कंटेनमेंट जोन :
बगहा दो पीएचसी में अब तक आधा दर्जन कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। जिसमें सिरिसिया, हरनाटांड़ के महदेवा के साथ पैकवलिया में दो स्थानों सहित सेमरा व पोखरभिडा गांवों में कंटेनमेंट जोन बनाते हुए वहां के लोगों को भी इससे अवगत करा दिया गया है। तारीख --- जांच की संख्या ---संक्रमितों की संख्या 24 मार्च 107 00 25 मार्च 97 05 26 मार्च 100 02 27 मार्च 168 00 28 मार्च 45 00 29 मार्च 43 00 30 मार्च 32 00 31 मार्च 107 00