परदेस से लौट रहे लोग बांट रहे कोरोना संक्रमण, बढ़ा खतरा
बगहा। रेल यात्रा कर परदेश से घर लौटने वालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। होली
बगहा। रेल यात्रा कर परदेश से घर लौटने वालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। होली व सब ए बरात को लेकर लोग महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेशों से घर वापस लौट रहे हैं। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को देखते हुए संक्रमण रोकने के ख्याल से स्वास्थ्य महकमे द्वारा रेलवे स्टेशन पर ही कैंप लगाकर लोगो की जांच की जा रही है। जिसमें आए दिन से जुड़े लोगों कोई न कोई व्यक्ति संक्रमित मिल रहा है।
जानकारों का मानना है कि जांच में मिलने वाले संक्रमितों को होम क्वारंटाइन रहने की सलाह दी जाती है। लेकिन, इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है कि जिस व्यक्ति की पहचान यहां पहुंचने के बाद होती है उससे रास्ते में कितने लोग संक्रमित हुए हैं इसका हिसाब किसी के पास नहीं है। रेल से लेकर स्वास्थ्य महकमा तक किसी के पास इसका कोई हिसाब नहीं है। ना तो सहयात्री को इसकी जानकारी है और ना ही संक्रमित व्यक्ति को। ऐसे में मेडिकल टीम के सदस्यों का भी मानना है कि जिसकी जांच हो गई वह संक्रमित है या नहीं इसकी पुष्टि हो गई। लेकिन, उसके सहयात्री कोरोना संक्रमण का वाहक बन सकते हैं।
बस यात्रियों की भी होनी चाहिए जांच :-
बगहा से गोरखपुर प्रतिदिन दर्जनों बसें आवाजाही करती है। इन बसों से सैकड़ों यात्रियों का प्रतिदिन आनाजाना हो रहा है। जैसा कि अनुमान है कि देश के विभिन्न शहरों से यहां के तमाम लोग यूपी के गोरखपुर तक विभिन्न साधनों से पहुंच जाते हैं। वहां से बगहा या आसपास के क्षेत्रों में पहुंचने के लिए बस सेवा उपलब्ध हैं। लेकिन, वहां या यहां उनकी जांच नहीं होने से इस बात की जानकारी नहीं मिल पाती है कि बसों से यात्रा करने वाले संक्रमित हैं या नहीं। साहित्यकार डॉ. रविकेश मिश्र, महिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरविद कुमार तिवारी, रेल कर्मचारी यूनियन के वरीय सदस्य जयकुमार प्रसाद, जदयू नेता राकेश सिंह, किसान संघ के नेता छोटे श्रीवास्तव आदि ने यूपी से बस पर सवार होकर बगहा पहुंचने वाले यात्रियों की भी जांच की मांग की है।