जेई व एईएस से निबटने के लिए व्यवस्था रखें अपडेट: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने गुरुवार को जेई एईएस की रोकथाम के लिए की जा रही तैयारियों की गहन समीक्षा की। अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में हुई समीक्षा में सिविल सर्जन को इन बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी व्यवस्थाएं अपडेट रखने का निर्देश दिया।
बेतिया । जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने गुरुवार को जेई, एईएस की रोकथाम के लिए की जा रही तैयारियों की गहन समीक्षा की। अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में हुई समीक्षा में सिविल सर्जन को इन बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी व्यवस्थाएं अपडेट रखने का निर्देश दिया। सभी पीएचसी को अलर्ट मोड में रखने को कहा। ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में बच्चों की जान बचाई जा सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चा अनमोल है, एक-एक बच्चे का विशेष ख्याल रखना है। इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही एवं शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जेई/एईएस से संबंधित वैसे प्रखंड और पंचायतव गांव को चिह्नित करने को कहा जहां से लगातार मामलें आ रहे हों। जिलाधिकारी ने कहा कि विगत वर्षों में चनपटिया, नरकटियागंज, मझौलिया, लौरिया और बगहा-1 में दो बार मामले प्रतिवेदित हुए हैं। उन पंचायतों व गांवों को चिह्नित कर प्रोटोकॉल के अनुसार कार्रवाई को कहा। इसके इलाज में पर्याप्त मात्रा में दवाओं को रखने का निर्देश दिया गया। साथ ही सिविल सर्जन एवं जिला मलेरिया पदाधिकारी को स्वयं सभी कार्यों का नियमित अनुश्रवण एवं निरीक्षण करते रहने को कहा गया। उन्होंने कहा कि जेई/एईएस एक गंभीर बीमारी है, जो अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में फैलती है। मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का शत-फीसद अनुपालन सुनिश्चित कराएं। जिलाधिकारी ने मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ''चमकी को धमकी'' के तीन मुख्य बातों पर ध्यान दें। इसमें बच्चों को रात में सोने से पहले भरपेट खाना जरूर खिलाएं, जगाओ-रात के बीच में एवं सुबह उठते ही देखें कि कहीं बच्चा बेहोश या उसे चमकी तो नहीं एवं अस्पताल ले जाओ-बेहोशी या चमकी दिखते ही आशा को सूचित कर तुरंत 102 एम्बुलेंस या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। इस अवसर पर सिविल सर्जन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।