बेहतर उतपादन के लिए मिट्टी को स्वस्थ्य रखना अत्यंत जरूरी : डा. गंगवार
बेतिया। माधोपुर कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक सह वरीय वैज्ञानिक डा. एसके गंगवार ने कहा है कि मिट्टी को स्वस्थ रखने के लिए मिट्टी की देखभाल करना नितांत आवश्यक है।
बेतिया। माधोपुर कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक सह वरीय वैज्ञानिक डा. एसके गंगवार ने कहा है कि मिट्टी को स्वस्थ रखने के लिए मिट्टी की देखभाल करना नितांत आवश्यक है। मिट्टी में विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीवों का निवास रहता है, जो फसलों के लिए लाभदायक होते हैं। वे रविवार को नौतन प्रखंड के गहिरी पंचायत में विश्व मृदा दिवस के अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र माधोपुर की आयोजित कृषक गोष्ठी सह प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वैज्ञानिक डॉ धीरू कुमार तिवारी ने बताया कि वर्तमान समय में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के असंतुलित उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति समाप्त होती जा रही है, जिससे आने वाले वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन एक चुनौती रहेगी। बढ़ती जनसंख्या के लिए आहार एवं मृदा के स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए मिट्टी को जीवित रखना यानि कि मिट्टी की जैव विविधता की रक्षा करना अत्यंत ही आवश्यक है। इसके लिए मृदा संरक्षण एवं रसायनों के संतुलित उपयोग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। डॉ प्रवीण कुमार मिश्र ने मिट्टी जांच के लाभ एवं मिट्टी नमूना इकट्ठा करने की विधि को करके भी बताया। वहीं ज्ञान शुक्ला ने जलवायु अनुकूल खेती कार्यक्रम के तहत विभिन्न तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अमरेंद्र शर्मा, बदन शर्मा, ललिता देवी, इंदू देवी, राधा देवी इत्यादि सहित लगभग 40 पुरुष एवं महिला किसान उपस्थित रहे। खेती से पहले मिट्टी की जांच कराएं, बढ़ेगा उत्पादन नरकटियागंज। कृषि विज्ञान केंद्र नरकटियागंज द्वारा विश्व मृदा दिवस के अवसर पर कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय विज्ञानी एवं प्रधान डॉ आरपी सिंह ने मिट्टी नमूना लेने की विधि, मिट्टी के पोषक तत्वों की जांच, उसकी उर्वरता को बनाए रखने के लिए नवीन तकनीक के बारे में विस्तार से चर्चा की। डॉ सिंह ने बताया कि किसी भी फसल को खेतों में बोने से पहले मिट्टी की जांच कराना अति आवश्यक है। असंतुलित रासायनिक खाद एवं दवाओं के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति में काफी कमी आती है। मिट्टी में पाए जाने वाले लाभदायक सूक्ष्मजीव एवं वातावरण में पाए जाने वाले मित्र जीवों की संख्या में काफी कमी भी आ रही है, जिसके कारण फसलों का उत्पादन बहुत अधिक प्रभावित हो रहा। इसलिए किसान खेती करने से पहले अपने खेतों की मिट्टी की जांच कराएं। ऐसा करने से लागत में भी काफी कमी आएगी है और खाद्यान्न उत्पादन अधिक होगा। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के आलोक कुमार सिंह, नितेश कुमार के साथ-साथ काफी संख्या में किसानों ने भाग लिया और कृषि विज्ञानी ने मृदा जांच के बारे में बारीकियों से बताया।