जांच में मिली अनियमितता, संवेदक व जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई

बगहा । एएसडीएम सरफराज नवाज ने मंगलवार को प्रखंड क्षेत्र के जगीराहा पंचायत के अंतर्गत वार्ड न 5 7 8 एवं 9 तथा ठकराहा पंचायत के वार्ड नं 1 से लेकर 14 तक में नल-जल योजना की जांच किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:44 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:44 PM (IST)
जांच में मिली अनियमितता, संवेदक व जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
जांच में मिली अनियमितता, संवेदक व जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई

बगहा । एएसडीएम सरफराज नवाज ने मंगलवार को प्रखंड क्षेत्र के जगीराहा पंचायत के अंतर्गत वार्ड न 5, 7 ,8 एवं 9 तथा ठकराहा पंचायत के वार्ड नं 1 से लेकर 14 तक में नल-जल योजना की जांच किया। इस दौरान अनियमितता मिलने पर कार्रवाई का निर्देश दिया।

एएसडीएम ने बताया कि सभी वार्ड में नल-जल योजना की जांच की गई। जांच में स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि वार्ड जागीराहा पंचायत के वार्ड नं 5 , 7 , 8 में प्रत्येक घरों में समय से नल से जलापूर्ति होती है। वार्ड 9, में अभी जलापूर्ति नहीं हो रही है। वहीं थक्रह•ा पंचायत में वार्ड 1 से 7 तक व तथा वार्ड नं 14 में पिछले छह माह से जलापूर्ति ठप है। जांच के क्रम में उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक रवि कुमार द्वारा लगाए गए सभी जल नल योजना सुचारू रूप से चलता है। संवेदक अवधेश राय द्वारा ठकराहा प्रखंड परिसर व ठकराहा गांव में लगाए गए दोनों ही जलापूर्ति व्यवस्था पिछले दो वर्ष से ठप है। एएसडीएम ने बताया जांच पूरी की जा चुकी है। निश्चित रूप से संवेदक और विभाग के ऊपर कार्यवाही की जाएगी।

जांच के दौरान संवेदक रवि तिवारी,संजय तिवारी,आलोक तिवारी,दीपक, धर्मेंद्र कुमार,विपुल तिवारी,रामजी तिवारी,अवध तिवारी सहित कई ग्रामीण उपस्थित रहे। बाल विकास कार्यालय पहुंच किया निरीक्षण

ठकराहा, संवाद सूत्र : नल जल योजना की जांच के बाद एएसडीएम बाल विकास कार्यालय का निरीक्षण किया। वहां उपस्थिति पंजी , अवकाश पंजी सहित अन्य कई पंजियों का अवलोकन किया गया। जिसमें कई खामियां भी सामने आई। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि कार्यालय में बाल विकास पदाधिकारी के बैठने की कोई तिथि निर्धारित नहीं है। तथा कार्यालय के लिपिक दीपक कुमार भी कार्यालय से गायब रहते हैं। ग्रामीणों का आरोप था कि प्रति आंगनबाड़ी केंद्र से बाल विकास कार्यालय द्वारा 2500 रुपये की वसूली की जाती है। जिसके चलते सेविका क्षेत्र में पोषाहार वितरण भी नहीं होता है।

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