जिले के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान

बेतिया। जिले के दर्जन भर ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई जाएगी। ए

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 12:17 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 12:17 AM (IST)
जिले के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान
जिले के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान

बेतिया। जिले के दर्जन भर ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई जाएगी। ऐसे जगहों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कायाकल्प किया जाएगा। इसको लेकर पर्यटन विभाग की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। विभाग के विशेष सचिव प्रभाकर ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इन स्थलों से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। पत्र में लौरिया के नंदनगढ़, नौतन के सनकहिया माई स्थान की भूमि का किस्म और स्वामित्व संबंधित जानकारी मांगी है। इसके अलावा गौनाहा, भितिहरवा आश्रम, बेतिया कालीबाग मंदिर, हजारीमल धर्मशाला व दुर्गा मंदिर की भूमि का स्वामित्व के बाबत रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। हाल में जिला प्रशासन की पहल पर विकसित किए जा रहे जिले के प्रवेश द्वार मझौलिया अमवा मन के विकास की भी योजना बनाने को कहा गया है। ताकि इसकी पहचान भी समृद्ध पर्यटन स्थल के रूप में हो सके। जबकि सिद्धपीठ पूजहा पटजिरवा माई स्थान, बैरिया की भूमि का किस्म व मंदिर के स्वामित्व के रूप में भी प्रतिवेदन देने को कहा है। वहीं लौरिया अशोक स्तंभ, नौतन के खड्डा माई स्थान, उदयपुर जंगल, सरैयामन, बैरिया के भूमि सबंधित जो प्रतिवेदन भेजा गया है, उससे संबंधित विस्तृत जानकारी प्रतिवेदन के साथ डाटाबेस तैयार कर पर्यटन विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया है। साथ ही इन स्थलों से संबंधित भूमि का स्वामित्व किस्म एवं सभी स्थलों का पूर्ण भूमि विवरणी नजरी नक्शा के साथ उपलब्ध कराने को विशेष सचिव ने डीएम को निर्देश दिया है।

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पर्यटन मंत्री ने इन स्थलों के विकास को लेकर किया है अनुशंसा

सूबे के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने जिले के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पर्यटकीय पहचान दिलाने को लेकर स्वयं अनुशंसा किया है। मंत्री के अनुशंसा के आलोक में विभाग के विशेष सचिव ने इन स्थलों के विकास एवं सौन्दर्यीकरण को लेकर डाटाबेस तैयार कर पूरी जानकारी मांगी है। ताकि इन स्थलों के विकास को लेकर डीपीआर तैयार किया जा सके और विकास की कवायद शुरू की जा सके।

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