सड़कों पर भारी भीड़ और दुकानों में पसरा सन्नाटा

बेतिया। आनलॉक वन के पांच दिन बीत गए। सड़कों पर तो भीड़ दिख रही है लेकिन दुकानों में सन्नाटा का माहौल है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 11:14 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 06:19 AM (IST)
सड़कों पर भारी भीड़ और दुकानों में पसरा सन्नाटा
सड़कों पर भारी भीड़ और दुकानों में पसरा सन्नाटा

बेतिया। आनलॉक वन के पांच दिन बीत गए। सड़कों पर तो भीड़ दिख रही है, लेकिन दुकानों में सन्नाटा का माहौल है। दुकानदार ग्राहकों के आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हालांकि अचानक व्यापार में गिरावट देख व्यापारी निराश हैं। शुक्रवार को ज्यादातर दुकानों पर सन्नाटा पसरा नजर आया, वहीं सड़कों पर चहल-पहल रही।खासकर कपड़ा दुकानों में ग्राहकों की संख्या कम दिख रही है। मिठाई, बेकरी और बर्तन आदि की दुकानें खुलीं जरूर, पर ग्राहक कुछ खास नहीं दिखे। पांच दिनों में कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक, ज्वेलरी, जूता-चप्पल आदि के दुकानों में भी ग्राहकों की भीड़ नहीं दिखी। दुकानदार अचानक इस परिवर्तन से हतप्रभ हैं। कोरोना की वजह से मार्केट पर असर दिख रहा है। हालांकि लॉकडाउन में जब छूट मिली थी तो दो- तीन दिनों तक मार्केट में काफी उछाल रहा। व्यापारियों का कहना है कि उस वक्त ऐसा लगता था कि कोरोना की वजह से व्यवसाय पर कोई असर नहीं पड़ेगा। तीन- चार दिनों तक कारोबार चला। अभी मंदी का दौर है। ऐसा प्रतीत होता है कि उस वक्त लोग जरूरी सामानों की खरीदारी के लिए निकले थे। उसके बाद से आíथक तंगी की वजह से दुकानों में खरीदारी करने के लिए नहीं आ रहे।

कपड़ा मार्केट पर मंदी का असर

टेक्सटाइल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल का कहना है कि अनलॉक वन में दुकानें खुलने के बाद पहले दिन बिक्री ठीक थी। लेकिन उसके बाद से बाजार लगातार गिरावट की ओर है। ऐसा लगता है कि लोगों की क्रय क्षमता समाप्त हो गई है और उनके पास खर्च करने के लिए पैसे नहीं है । मार्केट की यह स्थिति देख अनुमान लगाया जा सकता है कि देश आíथक मंदी की ओर बढ़ रहा है । पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस समय एक तिहाई व्यापार हो पा रहा है । सरकार को व्यवसायियों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए। 20 लाख करोड़ के केंद्र सरकार के पैकेज में रिटेल तथा होलसेल व्यवसायियों के लिए कोई भी राहत प्रदान नहीं की गई है । अगर व्यापारियों को राहत नहीं दी गई तो कई व्यापारी आíथक संकट की वजह से व्यापार नहीं कर पाएंगे।

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प्राइवेट अस्पतालों में बचाव के खास इंतजाम नहीं

शहर के कुछेक नामवर प्राइवेट अस्पतालों को छोड़ दें तो अधिकांश अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से बचाव के कुछ खास इंतजाम नहीं हैं। जैसे - तैसे मरीज आ रहे हैं और वहीं पुराने तौर तरीके से इलाज किया जा रहा है। कई अस्पतालों में सैनिटाइजर की भी व्यवस्था नहीं है। हालांकि सिविल सर्जन ने प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना से बचाव को लेकर शारीरिक दूरी का पालन करने एवं सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था के साथ साथ सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है।

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गुटखे की हो रही कालाबाजारी

गुटखा, बीड़ी, तंबाकू आदि की दुकानों पर रोक है। जिले में दुकानें तो पूरी तरह से नहीं खुल रहीं हैं। लेकिन बिक्री पर कोई खास असर नहीं है। गुटखे की कालाबाजारी हो रही है। 60 रुपये में बिकने वाला रजनीगंधा पैकेट अभी 85 रुपये में बिक रहा है। इसी प्रकार अन्य गुटखे की भी कालाबाजारी हो रही है। दुकानदार बाहर से दुकान बंद रखता है , लेकिन झोले में गुटखा रखकर बिक्री कर रहा है। प्रशासन की ओर से इस पर रोक लगाने की दिशा में भी कोई पहल नहीं है।

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