शौचालय के भुगतान मामले में गौनाहा बीडीओ और प्रमुख आमने-सामने

गौनाहा, मेहनौल पंचायत में निर्मित शौचालयों के भुगतान को लेकर बीडीओ श्रीकांत ठाकुर और प्रखंड प्रमुख सुदामा पासवान आमने-सामने हो गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 11:07 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 11:07 PM (IST)
शौचालय के भुगतान मामले में गौनाहा बीडीओ और प्रमुख आमने-सामने
शौचालय के भुगतान मामले में गौनाहा बीडीओ और प्रमुख आमने-सामने

बेतिया। गौनाहा, मेहनौल पंचायत में निर्मित शौचालयों के भुगतान को लेकर बीडीओ श्रीकांत ठाकुर और प्रखंड प्रमुख सुदामा पासवान आमने-सामने हो गए हैं। यह मामला तब उत्पन्न हुआ है, जब शौचालय के भुगतान के लिए बीडीओ से पूछने पर प्रमुख द्वारा रोक लगने की बात सामने आई। बताया जाता है कि मेहनौल पंचायत के मुखिया मोती लाल पासवान शौचालय के भुगतान के लिए महीनों से प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके है। मुखिया का कहना है कि बीडीओ के अनुसार प्रखंड प्रमुख सुदामा पासवान द्वारा शौचालय भुगतान पर रोक लगा दी गई है। इस सूचना पर आक्रोशित लाभुकों के साथ मुखिया ने प्रखंड प्रमुख सुदामा पासवान के घर बड़हरवा पहुंचकर उनके दरवाजे पर हंगामा किया। फिर प्रमुख से जानकारी ली कि मेहनौल पंचायत में शौचालय का भुगतान आपके द्वारा क्यों रोक दिया गया है। प्रमुख ने इस बात से साफ इंकार किया और बताया कि मेरे द्वारा 18 पंचायतों के शौचालयों की सूची मांगी गई है न कि मैने मेहनौल पंचायत के भुगतान पर रोक लगाई है। आक्रोशित मुखिया व लाभुक साहेब खान, अमीरुल नट, एजबुल अंसारी, मीरा देवी, मोती महतो, राधिका देवी, रब्बा खातून, रोजी खातून, किस्मत अली आदि ने बताया कि मेहनोल पंचायत में मात्र डेढ़ सौ शौचालयों का ही भुगतान हुआ है, लेकिन अब तक 457 लाभुकों के शौचालय निर्माण के बाद भी भुगतान नहीं हो पाया है। जबकि उक्त सभी शौचालयों का जिओ टैगिग हुए 2 माह बीत गए। मुखिया मोती लाल पासवान प्रखंड प्रमुख पर शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान नहीं होने देने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि प्रमुख भुगतान में देरी के लिए बीडीओ को जिम्मेवार बता रहे है। आक्रोशित लाभुकों ने प्रखंड कार्यालय पहुंचकर प्रमुख से बीडीओ से भुगतान कराने की बात कही। मामले की गंभीरता को देखते हुए गौनाहा थाना के एसआई मधुबन राय ने दोनों पक्षों को किसी तरह से समझा-बुझाकर शांत कराया। इधर बीडीओ श्रीकान्त ठाकुर ने बताया कि प्रखंड प्रमुख के द्वारा सभी पंचायतो के लाभुकों की सूची मांगी गई है। प्रमुख के जांचोपरांत ही शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान होगा। नाम नही छापने के शर्त पर कई पंचायत के मुखिया ने बताया कि शौचालय निर्माण के लिए जनता के सामने चौपाल में बीडीओ साहेब शौचालय निर्माण के बाद जिओ टैगिग के एक सप्ताह के अंदर भुगतान की बात कहते है लेकिन प्रखण्ड द्वारा जिओ टैगिग के बाद अनावश्यक रूप से महीनों तक भुगतान रोक कर रखा जा रहा है ताकि मुखिया पर जब जनता भुगतान का दबाव बनाए तब मुखिया लोग बदनामी से बचने के लिए प्रति शौचालय एक से दो हजार रुपये दे और तब जाकर भुगतान किया जाए। प्रखंड के जनप्रतिनिधियों में भुगतान में अनावश्यक विलंब के कारण काफी अक्रोश है।

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