किसी भी देश के स्वर्णिम भविष्य का बच्चे होते आधार

तारों से चमकते बच्चे जग में सबकी आंख के तारे होते हैं। इनसे रोशन सारी धरती भगवान को ये प्यारे लगते हैं। वाकई ये सच है कि बच्चे किसी भी देश के स्वर्णिम भविष्य का आधार होते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 10:02 PM (IST) Updated:Thu, 14 Nov 2019 10:02 PM (IST)
किसी भी देश के स्वर्णिम भविष्य का बच्चे होते आधार
किसी भी देश के स्वर्णिम भविष्य का बच्चे होते आधार

पश्चिम चंपारण। तारों से चमकते बच्चे जग में सबकी आंख के तारे होते हैं। इनसे रोशन सारी धरती भगवान को ये प्यारे लगते हैं। वाकई, ये सच है कि बच्चे किसी भी देश के स्वर्णिम भविष्य का आधार होते हैं। चाचा नेहरू को भी बच्चों से काफी लगाव था, इसलिए उनके जन्मदिन को हम बाल दिवस के रूप में मनाते हैं।

उपरोक्त बातें राजकीय बुनियादी विद्यालय हरनाटांड़ में बाल दिवस के अवसर पर बच्चों से मुखातिब होते हुए मुख्य अतिथि सह पूर्व आरडीडी (क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक तिरहुत प्रमंडल) ब्रजेश कुमार ओझा ने कही। प्रधानाध्यापक इन्द्रकांत सिंह ने सभी अतिथियों को अंगवस्त्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया। इस दौरान विद्यालय के छात्र छात्राओं ने भाषण, नृत्य और नाटक प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। जिसमें दहेजप्रथा, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पर्यावरण संरक्षण, कुपोषण, शराबबंदी व सुशिक्षित समाज से संबंधित नाटक शामिल रहें। वहीं इससे पूर्व बच्चों के बीच दौड़, कूद व अन्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अंत मे विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री सिंह के द्वारा प्रतियोगिता में उत्तीर्ण छात्र छात्राओं को पुरस्कृत करते हुए उनके बीच कॉपी कलम व अन्य सामग्री का वितरण किया गया। बच्चों ने किया बाल मेला का आयोजन राजकीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय पचरुखा व क्राइस्ट मिशन स्कूल हरनाटांड़ के साथ थरुहट के सभी सरकारी व गैरसरकारी विद्यालयों में बाल दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसमें क्राइस्ट मिशन स्कूल में बच्चों ने बाल दिवस के अवसर पर बाल मेला का आयोजन किया। विद्यालय में आयोजित बाल मेला में रचनात्मक गतिविधि द्वारा बच्चों के सृजनात्मक क्षमता के विकास हेतु प्रेरित किया गया एवं अवसर उपलब्ध कराया गया। जिससे उनमें प्रबंधन, नेतृत्व एवं व्यवसायिक कौशल का विकास हो सके। इसमें विद्यालय परिवार का भरपूर सहयोग छात्रों को दिया गया ताकि वे निर्भीक रूप से अपनी योजना पर काम कर सकें। जिसमें बच्चों ने गुब्बारे, छोला, पानी पूरी, चना व अन्य कई प्रकार की खाद्य सामग्री अपने हाथों से बनाकर उन्हें बिक्री के लिए स्टॉल लगाया। जिस स्टॉल से बच्चों ने अपने पसंदीदा चीजों की खरीदारी कर उनका लुफ्त उठाया। वहीं दूसरी ओर बच्चों ने फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का भी आयोजन किया। जिसमें बच्चों ने आधुनिक व पारंपरिक परिधानों से सजकर सभी का मन मोह लिया। इससे पूर्व बच्चों के बीच अन्य कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस अवसर पर क्राइस्ट मिशन स्कूल के प्रधानाध्यापक आशीष कुमार ने बताया कि सही पालन-पोषण और अच्छी शिक्षा बच्चों का अधिकार एवं हम सबका कर्तव्य है। मौके पर पूर्व प्रोफेसर डॉ. शारदा प्रसाद, शिक्षक भगवान प्रसाद, अमरजीत सिंह, पृथ्वीराज प्रसाद, गौतम महतो, ब्रजेश कुमार, श्रवण उपाध्याय, अर्चना सुमन, प्रेम कुमारी, बालकृष्ण खतईत, रूबी रंजन, यामिनी खतईत व लिपि लोपा मुद्रा प्रधान के साथ सैकड़ों बच्चे उपस्थित रहे।

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