खरना का प्रसाद ग्रहण कर संध्याकालीन अ‌र्घ्य की तैयारी में जुटे व्रती

बेतिया। आस्था के पर्व चैती छठ के चार दिनों के अनुष्ठान के दूसरे दिन शनिवार को खरना पूजा क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 10:04 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 10:04 PM (IST)
खरना का प्रसाद ग्रहण कर संध्याकालीन अ‌र्घ्य की तैयारी में जुटे व्रती
खरना का प्रसाद ग्रहण कर संध्याकालीन अ‌र्घ्य की तैयारी में जुटे व्रती

बेतिया। आस्था के पर्व चैती छठ के चार दिनों के अनुष्ठान के दूसरे दिन शनिवार को खरना पूजा की गई। व्रतियों ने श्रद्धा के साथ खरना का प्रसाद बनाया। खरना की पूजा संध्या पहर की गई। पूजा के लिए सुबह से ही छठ व्रती व परिवार के सदस्य तैयारियों में लग गए थे। खरना का प्रसाद मिट्टी के बने चूल्हे पर बनाया गया। पूजा में खीर, पूड़ी, गुड़ का रसियाव बनाया गया था। फल के साथ पूजा की गई। पूजा के बाद व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया। तब परिवार के सदस्यों ने प्रसाद लिया। खरना के दिन छठ व्रती पूरे दिन उपवास पर रहीं।

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सायंकालीन अ‌र्घ्य आज, तैयारियां पूरी

रविवार को छठ व्रती सायंकालीन अ‌र्घ्य देंगे। पहले अ‌र्घ्य देने की सभी आवश्यक तैयारियां करने में व्रती जुटी रहे। पूजा को लेकर उत्साह जोरों पर है। शहर व ग्रामीण इलाकों में चैती छठ व्रती व उनके परिवार के लोग पर्व मनाने की तैयारियां करने में लोग जुटे है। शनिवार को भी पूजन सामग्री की खरीदारी की गई। पूजन सामग्री के साथ फलों की दुकान पर भीड़ देखी गई। ईख, केला सहित तमाम तरह के पूजा सामाग्री के लिए लोग काम में लगे दिखे।

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राज कृपाकारक है सूर्य

ज्योतिषज्ञ राधे श्याम पाठक ने कहा कि सूर्य की अराधना से चर्म रोग का समूल नाश होता है। यह रोग जड़ से नष्ट होता है। विशेष रूप से सूर्य की अराधना से हड्डी रोगियों को इसका लाभ मिलता है। राज कृपाकारक सूर्य है। अराधना से उच्च पद प्राप्त किया जा सकता है। सूर्य की उपासना से नेत्र रोग भी नहीं होता है।

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घाट सजाने को ले बच्चों में उत्साह

छठ को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। कोरोना के कारण अधिकतर लोग अपने-अपने घरों पर ही छठ कर रहे है। लोग घर पर बनाए गए घाट को सुंदर तरीके से सजा रहे है। छठ घाटों को सुंदर बनाने में बच्चे बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभा रहे है।

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