लगातार बारिश से फिर बाढ़ की संभावना, सहमे दियारावासी
बेतिया। विगत एक सप्ताह पहले बैजुआ पंचायत के कुछ गांव जैसे राजघाट गोबरही बैजुआ जगदीशपु
बेतिया। विगत एक सप्ताह पहले बैजुआ पंचायत के कुछ गांव जैसे राजघाट गोबरही, बैजुआ, जगदीशपुर पटेरवा, बिन टोली एवं सूर्यपुर के मसान ढाब आदि गांवों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया था। लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश में लगे थे। कुछ लोग अपने परिवार एवं बच्चों को अपने सगे-संबंधियों के यहां पहुंचा दिए थे। वहीं कुछ लोग चंपारण तटबंध पर ही रैन बसेरा की तरह प्लास्टिक का पाल तानकर अपना समय व्यतीत कर रहे थे। इस बीच गंडक नदी के जलस्तर कम होने से लोगों के घरों से धीरे-धीरे पानी निकलने लगा। कई लोग अपने आशियाना के तरफ जाना शुरू भी कर दिए थे। लेकिन घरों में पानी निकलने के साथ ही कीचड़ हो गया था। जिसके कारण घरों में रहना एक चुनौती बन गई। लोग धीरे-धीरे अपने घरों की साफ-सफाई भी कर रहे थे। लेकिन गुरुवार को एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया। झमाझम बारिश से गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। जिससे दियारावासियों में भय व्याप्त है। उनका कहना हैं कि लगातार बारिश के कारण घर में जाना काफी मुश्किल हो गया है। फिलहाल चंपारण तटबंध ही सेफ है।
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पूरी फसल बर्बाद, कैसे कटेगा साल
यूं तो हर साल नदी के उफान के कारण सैकड़ों एकड़ भूमि जलमग्न हो जाती है। समय के साथ जल्द ही पानी का निकासी होने लगता है। लेकिन इस बार मानसून समय से पूर्व आ गया है। जिसके कारण सभी खेत खलिहानों में पानी भर गया है। धान, गन्ना सहित रबी की फसले पानी में डूबने से पूर्णत: बर्बाद हो गई है। लिहाजा ग्रामीणों की चिता बढ़ गई है। किसान सुनील यादव, अमरजीत यादव आदि कहते हैं कि पूरा फसल बाढ़ के पानी में डूब चुका है। अब पूरा साल कैसे कटेगा।
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लगातार बारिश से रेनकट जारी
लगातार हो रहे झमाझम बारिश की वजह से चंपारण तटबंध पर भी कई जगहों पर घोडहिया से लेकर आसाराम पटखौली तक सिपेज हो गया है। जिससे लोगों के अंदर भय व्याप्त है। बाढ़ के समय मे चंपारण तटबंध की सुरक्षा बहुत जरूरी है। लेकिन रेनकट की मरम्मति का समय पर नहीं होने के कारण पानी की अधिक दबाव तटबंध को तोड़ सकता है।
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कोट
लगातार बारिश हो रही है। इस बीच चंपारण तटबंध पर कई जगह रेनकट हुआ है जिसकी बालू भरे बोरे से मरम्मत कराई जा रही है। वहीं गंडक नदी के जलस्तर की लगातार मॉनीटरिग की जा रही है।
अनिल कुमार, अंचलाधिकारी बैरिया।