खतरे की आंच, बस स्टैंड में नहीं हो रही कोरोना की जांच
कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बावजूद बस स्टैंड में लापरवाही बरती जा रही है। बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच नहीं हो रही है। बाहर से आने वाले लोग बिना जांच कराए ही अपने घर और गंतव्य तक आ-जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में कोरोना फैलने का डर बना हुआ है।
बेतिया । कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बावजूद बस स्टैंड में लापरवाही बरती जा रही है। बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच नहीं हो रही है। बाहर से आने वाले लोग बिना जांच कराए ही अपने घर और गंतव्य तक आ-जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में कोरोना फैलने का डर बना हुआ है। कुछ माह पूर्व जब कोरोना उफान पर था तो रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच होती थी। कोरोना जांच के बाद ही वो बस स्टैंड से बाहर जा सकते थे। लेकिन संक्रमण का दर कम होते ही लापरवाही शुरू हो गई है।
----------------------------
प्रतिदिन आती जाती हैं दर्जनों बसे
नगर के बस स्टैंड, स्टेशन चौक आदि जगहों पर जिले और जिले के बाहर से प्रतिदिन दर्जनों बसे आती-जाती है। बस स्टैंड व आस-पास से दिल्ली, रांची, टाटा, पटना, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, गोरखपुर, बगहा, वाल्मीकिनगर, गौनाहा, भिखनाठोरी नरकटियागंज, रक्सौल, रामगढ़वा, भैंसालोटन, अरेराज, गोपालगंज, सिवान के लिए बसें चलती है। बसों से हजारों यात्री सफर करते हैं। बाहर से आने वाले यात्री संक्रमित है या नहीं इसकी जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से कोरोना फैलने का डर बना हुआ है।
--------------------------
जांच नहीं होने से यात्रियों में डर
बस स्टैंड में कोरोना की जांच नहीं होने से यात्रियों में डर का माहौल है। डरे सहमें यात्री बस से मजबूरी में सफर करने को मजबूर है। पटना जाने के लिए बस स्टैंड में आए राधे श्याम पाठक, कृष्णा कुमार, कुंदन चौहान, दीपक चौरसिया ने कहा की बस स्टैंड में कोरोना की जांच नहीं होना काफी खतरनाक है। साथ में सफर करने वाला यात्री संक्रमित हैं या नहीं इसका पता नहीं चलता है। जिससे पूरे सफर के दौरान डर बना रहता है। संक्रमण फैलने की संभावना बनी रहती है।
-------------------------------------