सावधान! बरसात में बढ़ता है बैक्टीरियल इंफेशन का खतरा
बेतिया। गर्मी के बाद बारिश शरीर और मन को ठंडक जरुर दे रहा है लेकिन तापमान में बदला
बेतिया। गर्मी के बाद बारिश शरीर और मन को ठंडक जरुर दे रहा है, लेकिन तापमान में बदलाव की वजह से कई बीमारियों की आशंका बढ़ गई है। चिकित्सकों के अनुसार ऐसे मौसम में अपने शरीर को संभालना बहुत जरूरी है। कभी तेज गर्मी, तो कभी बारिश के साथ हल्की सर्दी का एहसास अधिक परेशान करने वाला होता है। ऐसे मौसम में तरह-तरह के बैक्टीरिया और वायरस की सक्रियता बढ़ जाती है । नतीजतन त्वचा, पेट और आंखों के संक्रमण इस मौसम में खासतौर से दिखाई देते हैं। ऐसे मौसम में बच्चों को संभालने की सबसे ज्यादा जरूरत है। थोड़ी-सी लापरवाही बड़ी आसानी से उन्हें संक्रमण का शिकार बना सकती है। डॉ अमिताभ चौधरी ने बताया कि फिलहाल डायरिया, दस्त, वायरल फीवर और त्वचा रोग के मरीज बढ़ गए है। उन्होंने बताया कि बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे है। उन्होंने कहा कि डायरिया से बचने के लिए शुद्ध जल और खान-पान का ध्यान देने की जरुरत है। खुले में बिकने वाला खाने का सामान से परहेज करने की नसीहत दी। पानी उबालकर पिएं। खाने-पीने में सफाई का विशेष ध्यान रखें। ओआरएस का घोल का सेवन करें। परेशानी ज्यादा होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
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बरसात में त्वचा संक्रमण का खतरा
उमस भरी गर्मी, नमी और कीचड़ के चलते बरसात के इस मौसम में त्वचा के संक्रमण कभी भी परेशान कर सकता हैं। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ शिव शंकर कुमार ने बताया कि बैक्टीरिया फंगस या पैरासाइट त्वचा संक्रमण की खास वजह होते हैं। देर तक पानी में पैर रखने पर अंगुलियों के बीच फंगल संक्रमण का असर दिखाई पड़ सकता है। इसमें दो अंगुलियों के बीच की जगह सफेद होने लगती है। सड़न के साथ दुर्गंध आती है। नाखूनों में भी संक्रमण हो सकता है त्वचा में बैक्टीरिया संक्रमण होने पर फोड़े-फुंसियों की समस्या पैदा हो जाती है। दाद, खाज, खुजली की समस्या। त्वचा का रंग बदलन लोगों के लिए परेशानी हो सकती है। वर्तमान में इसके मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
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ऐसे करें बचाव
--- साफ-सफाई का खास ध्यान रखें, दूसरे के तौलिये, गमछे आदि का इस्तेमाल न करें
--- बरसात के पानी में पैर पड़े हों, तो उन्हें साफ पानी से अच्छी तरह धोएं
---- सिर भीगा हो तो बाल सुखाएं
----- बरसात के मौसम में किसी अच्छे एंटीबैक्टीरियल अथवा नीम के साबुन से नहाएं।
----- पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं
----- हरी सब्जियां, सलाद, फल भरपूर मात्रा में सेवन करें
---- चिकित्सक से दिखाकर दवा लें