मौत का सामान परोसने में जुटे हैं कई सफेदपोश

बेतिया। गुटखा को पान मसाला बता कर धड़ल्ले से इसकी बिक्री की जा रही है। यह नजारा जिले के

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Dec 2020 12:59 AM (IST) Updated:Sun, 06 Dec 2020 12:59 AM (IST)
मौत का सामान परोसने में जुटे हैं कई सफेदपोश
मौत का सामान परोसने में जुटे हैं कई सफेदपोश

बेतिया। गुटखा को पान मसाला बता कर धड़ल्ले से इसकी बिक्री की जा रही है। यह नजारा जिले के विभिन्न चौक-चौराहों पर पान की दुकानों पर देखने को मिलता है। उनकी तरफ से बताया जा रहा है पान मसाला की बिक्री पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। लेकिन पान मसाला की आड़ में पान दुकानदार बेखौफ गुटखा की बिक्री कर रहे हैं। जबकि राज्य सरकार ने मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले गुटखा पर वर्षों पूर्व प्रतिबंध लगा दिया है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के दायरे में इस अवैध कारोबार को प्रतिबंधित और परिभाषित किया गया है। गुटखा बेचना कानूनन अपराध है और इसमें जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है। बावजूद इसे बिना भय बेचा जा रहा है। बीते दिनों मुफस्सिल थाने की पुलिस ने गुटखा के अवैध कारोबारी राजकुमार यादव सहित दो लोगों को गिरफ्तार भी किया था। उनके पास से बड़ी संख्या में गुटखा भी बरामद किया था। यह उपलब्धि वाहन जांच के दौरान ही संभव हो सकी है। प्राय विभिन्न थानों की पुलिस पान के दुकान पर छापेमारी करने से परहेज करते रहते हैं। ऐसे में गुटखा का अवैध कारोबार जिले में और तेजी से फैलता जा रहा है। जानकार बताते हैं ठंड के मौसम में गुटखा की मांग ज्यादा बढ़ जाती है।

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ट्रेन और अन्य वाहनों से पहुंचाई जाती है, गुटखे की खेप: गुटखा के अवैध कारोबारी ट्रेन से लेकर बस और अन्य वाहनों में लादकर गुटखा का खेप जिले में और जिले के बाहर पहुंचाते हैं। नेपाल से भी सीमा पार कर जिला में गुटखा पहुंचने की बात कही जाती है। इस अवैध कारोबार पर जिले में एक संगठित नेटवर्क है जो बड़ी आसानी से मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले गुटखा के कारोबार को संचालित कर रहा हैं इनका सिडिकेट जिले के कोने-कोने में फैला है। कई सफेदपोश भी इस कारोबार में शामिल है। यूपी और झारखंड से भी गुटका जिले में पहुंचाया जा रहा है।

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