वीटीआर के जानवरों की सुरक्षा को अब 44 शिकार नियंत्रण केंद्र

बगहा। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में लगातार बढ़ रही बाघों की संख्या को

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 11:34 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 11:34 PM (IST)
वीटीआर के जानवरों की सुरक्षा को अब 44 शिकार नियंत्रण केंद्र
वीटीआर के जानवरों की सुरक्षा को अब 44 शिकार नियंत्रण केंद्र

बगहा। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में लगातार बढ़ रही बाघों की संख्या को देखते हुए सीमा से सटे जंगलों में शिकार नियंत्रण केंद्रों की संख्या बढ़ा दी गई है। अब नियंत्रण केंद्रों की संख्या 44 हो गई है। पहले 38 थी। इन केंद्रों पर स्थानीय युवाओं को नियोजित कर तैनात किया गया है। एक केंद्र पर पांच से छह युवकों को तैनात किया गया है। जिससे करीब चार से पांच सौ युवाओं को रोजगार मिला है। एक युवक को लगभग नौ हजार रुपये महीने मिलता है। दो शिफ्ट में ड्यूटी लगती है। बताया जाता है कि 900 वर्ग किलोमीटर में फैला बिहार का इकलौता बाघों का आशियाना वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाघों के साथ-साथ गैंडा,भालुओं, तेंदुआ की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यही कारण है कि कभी-कभी जंगली जानवर जंगल से भटककर रिहायशी इलाकों में भ्रमण करते नजर आते हैं। वीटीआर के जंगलों में लगातार बढ़ रही बाघों की संख्या को देख सरकार भी गदगद है। बाघों के संरक्षण के साथ ही देश में तेजी से बाघों की संख्या वृद्धि करने वाला अभ्यारण्य बनने की ओर बढ रहा है ।

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इंसेट

बाघों की संख्या

वर्ष 2010-11 में 08

वर्ष 2013-14 में 28

वर्ष 2018-19 में 31

वर्ष 2019-20 में 33

वर्ष 2020-21 में 48 संभावित

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इंसेट बाक्स

प्रतिवर्ष बढ़ता है ग्रास लैंड की सीमा

शाकाहारी जानवरों को भोजन की कमी नहीं हो इसके लिए विभाग की ओर से प्रतिवर्ष ग्रास लैंड की सीमा बढ़ाई जा रही है। इसके लिए जंगल से अंदर खाली पड़ी जमीन पर दूसरे जगहों से घास ला कर लगाया जाता है। जिससे कि उस क्षेत्र में शाकाहारी जानवरों की संख्या बढ़े ताकि मांसाहारी जानवरों को भोजन के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़े। इसके साथ ही जंगल की सुरक्षा के लिए वन कर्मियों की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई है।

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बयान

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगलों में बाघों की संख्या को देखते हुए उनकी सुरक्षा के लिए सीमाओं पर शिकार नियंत्रण केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी करते हुए 44 कर दी गई है। पहले उसकी संख्या 38 थी। इन स्थलों पर हमेशा वन कर्मियों की टीम निगरानी करती है।

एसके राय, सीएफ वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, बेतिया

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