गंडक के जलस्तर में वृद्धि जारी, गंडक पार के प्रखंडों पर बाढ़ का खतरा
बगहा। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंडक बराज में जल स्तर
बगहा। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंडक बराज में जल स्तर में वृद्धि हो रही है। जिसके कारण गंडक नदी अपने उफान पर है। गंडक के जलस्तर में उतार चढ़ाव जारी है। गंडक नदी से लगातार पानी का डिस्चार्ज होने व भारी वर्षा के कारण मधुबनी प्रखंड के दो पंचायत बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं। जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण प्रखंडों के लाइफ लाइन बांध पिपरा-पिपरासी तटबंध से सैकड़ों से ज्यादा जगहों पर पानी का रिसाव हो रहा है। भितहां प्रखंड के चंदरपुर प्वाइंट के पीपी तटबंध पर गंडक नदी का दबाव होने के कारण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। गंडक नदी के दबाव को कम करने के लिए पीपी तटबंध को बचाने के लिए इसी साल गंडक नदी में 43 स्टर्ड बनाए गए हैं। चार जुलाई को 2,33000 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज होने पर चंदरपुर प्वाइंट पर तीन स्टर्ड ध्वस्त हो गए थे। जिसके कारण गंडक पार के दो प्रखंड भितहां व ठकरहां के साथ पड़ोसी जिला कुशीनगर के दर्जनों गांव में बाढ़ का खतरा बना हुआ था। बुधवार को दोपहर तक 155000 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज दर्ज किया गया था। गंडक नदी के तबाही के साथ बांसी नदी भी अपने उफान पर है। बांसी नदी में जल स्तर वृद्धि होने के कारण मधुबनी प्रखंड के बैरा बिन टोली में कई एकड़ फसल नदी में विलीन हो गई है। बांसी नदी के कटान से ग्रामीण भयभीत हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अगर समय रहते प्रशासन कटाव की रोकथाम नहीं करती है तो बैरा बिन टोली का सरकारी विद्यालय भी नदी में विलीन हो जाएगा। वाल्मीकिनगर विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिकू सिंह व एमएलसी भीष्म साहनी के द्वारा बाढ़ के बचाव कार्य को लेकर हो रही लापरवाही को प्रमुखता से मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया था। उसके बाद भी विभाग बाढ़ से तबाही मचाने के मकसद से ही इतनी बड़ी लापरवाही कर रहा है। एक तरफ जहां जिले में बाढ़ से लोगों की जिदगी बेघर हो गई है तो वहीं पर जल संसाधन विभाग व सिचाई विभाग घोर लापरवाही कर रहा है।