जलस्तर में कमी के बाद भी मुसीबतें बरकरार, भूख से बिलख रहे लोग

बगहा। मधुबनी प्रखंड के दो पंचायतों क्रमश सिसही व चिउरही में बाढ़ से लोगों को काफी नुकसान

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:24 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:24 PM (IST)
जलस्तर में कमी के बाद भी मुसीबतें बरकरार, भूख से बिलख रहे लोग
जलस्तर में कमी के बाद भी मुसीबतें बरकरार, भूख से बिलख रहे लोग

बगहा। मधुबनी प्रखंड के दो पंचायतों क्रमश: सिसही व चिउरही में बाढ़ से लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जल स्तर घटने के बाद भी घरों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है। स्थानीय प्रशासन के द्वारा ना ही प्लास्टिक दिया गया और ना ही भोजन। सरकार के लाख दावो के बाद भी इन बाढ़ पीड़ितों में किसी प्रकार का लाभ नहीं मिला है। लगातार हो रही बारिश और बाढ़ का पानी घरों में आ जाने के बाद लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थानों पर जा रहे।

--------------

जरूरी सुविधा भी नही है

जल स्तर कम होने के बाद गुरुवार से लोगों को भोजन मिलना शुरू हुआ। इस दौरान ग्रामीणों ने किसी तरह से लिट्टी बनाकर पेट भरा। दोनों पंचायतों में बाढ़ का पानी आने के बाद लोग बांध और ऊंचे स्थान पर शरण लेने गए। लेकिन कोई सुविधा नही होने पर ग्रामीण अपने रिश्तेदारों के घर पलायन कर गए हैं। कुछ ग्रामीण गांव में ही रहने को मजबूर हैं।

---------------------

कहते हैं लोग :-

चिउरही पंचयात का टोला उरदही नदी के गोद में बसा है। जिसके कारण हर साल बाढ़ से काफी नुकसान होता है। लेकिन प्रशासन के द्वारा कोई सुविधा नहीं मिलती है। इस कारण कई परिवार भूखे पेट सो रहे हैं।

टेनी गोंड, ग्रामीण उरदही

-----------------------

बाढ़ का पानी घरों में आ जाने के कारण हम सभी ऊंचे स्थान पर विश्थापित हुए। लेकिन प्रशासन के द्वारा कोई इंतजाम नहीं हुआ है। खुले आसमान के नीचे जीवन बिताना पड़ रहा हैं।

कैलाश गोंड, ग्रामीण

----------------------

बरसात के ठीक पूर्व बिजली आपूर्ति शुरू हुई है। लेकिन अभी तक किसी परिवार को कनेक्शन नहीं मिला है। जिसके कारण कई परिवार अंधेरे में गुजर बसर कर रहे हैं। बाढ़ में बहकर आए जहरीले सांपों से खतरा बना हुआ है।

रघुनाथ गद्दी, ग्रामीण

---------------------

दो दिन बाद नसीब हुआ, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने सुधि तक नहीं ली। गुरुवार को जल का स्तर कम होने लगा तब ग्रामीण इक्कठा हो कर नाद में लिट्टी और चोखा बनाकर भोजन किए। किसी तरह से समय कट रहा है।

रामनारायण गोंड, ग्रामीण

chat bot
आपका साथी