खुद के संक्रमित होने के खतरे के बीच कोरोना को हराने का संकल्प
बगहा। पश्चिम चंपारण जिले के बगहा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत लैब टेक्नीशियन मो.
बगहा। पश्चिम चंपारण जिले के बगहा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत लैब टेक्नीशियन मो. हसीब हर रोज चुनौतियों से लड़ रहे हैं। खुद के संक्रमित होने के खतरे के बीच कोरोना को हराने के संकल्प के साथ जांच में जुटे हैं। बताते हैं कि प्रतिदिन 100 से अधिक लोगों का सैंपल ले रहे हैं। दबाव होने से छुट्टी मिलने में भी मुश्किल है। इस दौरान खुद की सेहत के साथ परिवार और अस्पताल के बीच संतुलन बनाना मुश्किल होता है। इन सबके बावजूद मन में संतोष है कि देशव्यापी संकट से उबरने में उन्हें लगाया गया है। लैब में सैंपल लेना बेहद रिस्की होता है। यहां सुरक्षा में जरा सी चूक या लापरवाही संक्रमित कर देती है। हमारे लिए हर एक सैंपल संक्रमण लेकर आता है, ऐसे में खुद को बचाते हुए काम करना पड़ता है। चिता इस बात की भी होती है कि हमारा संक्रमण परिवार के लिए संकट न बन जाए। घर जाने के बाद आइसोलेट होकर रहना मजबूरी है। घर के सदस्यों से अलग ही रहना पड़ता है। बच्चों को खुद से दूर रखना अच्छा नहीं लगता, पर मजबूरी है। हसीब की पदस्थापना बीते साल कोविड संक्रमण शुरू होने के बाद की गई। तबसे लगातार बिना अवकाश लिए काम कर रहे। मूल रूप से पूर्वी चंपारण जिले के पहाड़पुर निवासी हसीब बताते हैं कि अबतक अल्लाह की कृपा है कि कोविड संक्रमण उन्हें छू नहीं सका। कई बार गांवों में कैंप लगाकर जांच करनी पड़ती है। तब जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, उन्हें संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने की जानकारी देता हूं। जबकि जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आती है उन्हें शारीरिक दूरी बनाए रखने तथा मास्क लगाने के लिए जागरूक करता हूं। उम्मीद है कि एक न एक दिन इस संक्रमण पर हम सदा के लिए विजय पा लेंगे। काम के प्रति सजग है हसीब :-
चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजेश सिंह नीरज व नोडल पदाधिकारी डॉ. रणवीर सिंह बताते हैं कि कोविड जांच में लैब टेक्नीशियन की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। संक्रमण का सबसे अधिक खतरा भी उन्हीं को है। बीते वर्ष पदस्थापना के बाद से अबतक हसीब की कार्यशैली काफी संतोषजनक रही है। वह काम के प्रति काफी सजग रहते हैं।