डेढ़ साल से उद्घाटन की बाट जोह रहा अस्पताल, व्यवस्था बदहाल
बगहा। बगहा एक प्रखंड अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पतिलार बदहाली झेल रहा है। लौरिय
बगहा। बगहा एक प्रखंड अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पतिलार बदहाली झेल रहा है। लौरिया व बगहा के बीच इस स्वास्थ्य केंद्र पर इस कोरोना काल में एक भी चिकित्सक नहीं है। लगभग एक माह पूर्व पदस्थापित आयुष चिकित्सक मो. यूनुस की भी प्रतिनियुक्ति बगहा में कर दी गई है। ग्रामीण क्षेत्र की घोर उपेक्षा से लोगों में क्षोभ व्याप्त है। कोरोना संक्रमण काल में क्षेत्र का कोई ऐसा गांव नहीं है,जिसमें एक या दो लोगों की नित्य मौत नहीं हो रही हो।यही वह स्वास्थ्य केंद्र है,जिसका नया भवन सूबे के मुख्यमंत्री के प्रयास के बाद बना।बनकर तैयार भी लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व हो गया। परंतु उसका उद्घाटन आजतक नहीं हो सका है। उल्टे विभाग द्वारा इस कोरोना संक्रमण काल में भी यहां पदस्थापित एक मात्र चिकित्सक को अन्यत्र प्रतिनियुक्ति कर दी गई।फिलवक्त एक मात्र ए एन एम मीरा कुमारी नित्य कोरोना से संरक्षण हेतु वैक्सीन लगाती हैं। ऐसे में स्वास्थ्य केंद्र का नया भवन दिखावे के सफेद हाथी बनकर रह गया है। पुराने भवन में ही वैक्सीन भी लगाया जाता है। नया भवन में ताला लटका हुआ है। सबसे बड़ा आश्चर्य की बात तो यह है कि इस कोरोना काल में यहां रैपिड एंटीजन व आरटीपीसीआर की जांच भी नहीं हो रही है। सो बहुत से लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं। पूरा क्षेत्र ग्रामीण चिकित्सक व नीम हाकिमों के हवाले हैं। लोगों की वर्तमान सरकार पर टिकी सारी आशाएं तार-तार हो रही है। सत्ताधारी पार्टी के आला नेताओं के आश्वासन हवा हवाई हो गई है। क्षेत्र में कोरोना काल में त्राहिमाम मचा हुआ है। लोगों की माने तो हालात यहां बद-से बदतर हो चुकी है। यहां तो यह भी ज्ञात नहीं कि कौन कोरोना पॉजिटिव है व कौन निगेटिव सबकुछ ऊपरवाले के रहमोकरम पर संचालित है।