वीटीआर में फिर लगी आग, तीन एकड़ जंगल नष्ट
बगहा। तापमान बढ़ने के साथ ही जंगल में आग लगने की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है।
बगहा। तापमान बढ़ने के साथ ही जंगल में आग लगने की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। वीटीआर के कई कक्षों के जंगल जल चुके हैं। इससे दुर्लभ जड़ी, बूटियां नष्ट हो गई हैं। शरारती तत्वों ने त्रिवेणी नहर के जंगल में आग लगा दी। जिससे लगभग तीन एकड़ जंगल का हिस्सा आग की चपेट में आ गया। आग लगने से अनेक बेशकीमती जड़ी-बूटी तथा पेड़-पौधे जलकर राख हो गए। अनेक प्रजातियों के छोटे-छोटे पौधे भी जल गए। देखते ही देखते आग ने जंगल के एक बड़े हिस्से को चपेट में ले लिया और क्षेत्र धुएं से भर गया। तेज हवाओं के कारण आग फैल चुकी थी। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। दावानल से जहां वन संपदा तबाह हो रही है, वहीं वन्य प्राणी भी अकाल मौत को मुंह में समा रहे हैं। आस-पास के क्षेत्रों में लगातार आगजनी के मामले पेश आ रहे हैं। हाल ही में जंगल व आसपास के क्षेत्र में आगजनी से झाड़ियां राख हो गईं। जंगल में आग को लेकर वन विभाग भी असहाय बना हुआ है। विभाग को जानकारी तब लगती है जब आग जंगल को चपेट में ले लेती है। अभी तक कुछ हिस्से में आग अपना तांडव दिखा चुकी है। जंगल के दूर-दराज क्षेत्रों में आग की घटना के गिने-चुने मामले ही देखे जा सकते हैं। नई घास की चाह में जो शरारती तत्व आग लगा रहे हैं वे यह बात भूल जाते हैं कि आग जंगलों को राख कर रही है। साथ ही जंगल में उगने वाली जड़ी-बूटियों और जंगल में रह रहे वन्य प्राणियों के लिए भी ये आग घातक सिद्ध हो रही है। गर्मी बढ़ते ही आगजनी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। जंगल में धरती के भीतर रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के कई कीट-पतंगे जलकर नष्ट हो चुके हैं। सबसे ज्यादा नुकसान जमीन के अंदर रहने वाले वन्य जीवों खरगोश, सांप, मेंढक, झिगुर समेत कई कीट प्रजातियां अंडों समेत जलकर राख हो गई। आग की विकराल घटनाओं को देखते हुए वन विभाग के कर्मचारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। अगले चार दिन तक मौसम शुष्क रहने के कारण गर्मी और अधिक बढ़ने की संभावना है। इससे जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ सकती हैं।