मुखिया, कनीय अभियंता, तकनीकी सहायक सहित आधा दर्जन पर प्राथमिकी

बेतिया। मुख्यमंत्री पेयजल लागू रहने के बावजूद 56 स्थानों पर बिना प्रशासनिक स्वीकृति सहित अन्य अनिय

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 12:08 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 12:08 AM (IST)
मुखिया, कनीय अभियंता, तकनीकी सहायक सहित आधा दर्जन पर प्राथमिकी
मुखिया, कनीय अभियंता, तकनीकी सहायक सहित आधा दर्जन पर प्राथमिकी

बेतिया। मुख्यमंत्री पेयजल लागू रहने के बावजूद 56 स्थानों पर बिना प्रशासनिक स्वीकृति सहित अन्य अनियमितता को लेकर भितहां प्रखंड के भूईधरवा पंचायत के योजना से संबंधित मुखिया, कनीय अभियंता, तकनीकी सहायक, पंचायत सचिव सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की तलवार लटक गई है। डीएम कुंदन कुमार ने इसे गंभीतरता से लेते हुए सभी खिलाख प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। डीएम ने अपने जारी निर्देश में संबंधित सभी पक्षों से योजना में व्यवहृत राशि की वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद दायर करने का भी निर्देश दिया है। जारी निर्देश में बताया गया है कि संबंधित ग्राम पंचायत से लगातार अनियमितता की शिकायत मिल रही थी। इसको लेकर अनुमंडल स्तर पर दल के माध्यम से जांच कराई गई। जांच दल ने उक्त पंचायत के वार्ड संख्या 3, 6 एवं 8 अंतर्गत पूर्ण और क्रियान्वित योजनाओंख् विकास कार्यों की स्थलीय एवं अभिलेखीय जांच करते हुए प्रतिवेदन सौपा था। जांच दल को जांच में काफी अनियमितता मिली। पूर्व पंचायत सचिव के ़िखला़फ अभिलेखों का प्रभार अब तक नहीं देने का प्रतिवेदन दिया गया है। वहीं वित्तीय वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री पेयजल लागू रहने के बावजूद भी 56 स्थानों पर बिना पंचायत कार्यालय के प्रशासनिक स्वीकृति के योजना लेने का भी प्रतिवेदन किया गया है। इसी प्रकार से आरटीपीएस कार्यालय के संचालन नहीं होने में साथ-साथ कार्यालय मद में राशि के दुरुपयोग की बात सामने आई। वहीं समेकित रूप से कार्यालय अभिलेखों का संधारण का अभाव भी पाया गया। इस जिलाधिकारी ने बचाव में संबंधित को एक सप्ताह का समस अपना पक्ष रखने के लिए दिया। बावजूद किसी भी जनप्रतिनिधि व कर्मी के द्वारा कोई पक्ष नहीं रखा गया। इसे गंभीरता से लेते हुए डीएम ने इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया। आदेश डीएम ने संबंधित योजना में व्यवहृत राशि की वसूली के लिए नीलाम पत्र दायर करने को भी कहा है। वहीं मुखिया के मामले में पांच वर्ष समाप्त होने के बावजूद परामर्श समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में पंचायती राज विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है। जिलाधिकारी ने कहा है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में किसी भी प्रकार की अनियमितता या बिचौलियों की भूमिका होने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार की योजनाओं को शत-प्रतिशत गुणवत्तापूर्ण तरीके से लागू कराना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है।

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