सब्जी कारोबार प्रभावित, लॉकडाउन के कारण नहीं मिल रहे खरीदार

बगहा। इस बार सब्जियों के फसल काफी अच्छे हुए हैं। खीरा बैंगन गोभी टमाटर हरी मिर्च लौक

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 11:24 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 11:24 PM (IST)
सब्जी कारोबार प्रभावित, लॉकडाउन के कारण नहीं मिल रहे खरीदार
सब्जी कारोबार प्रभावित, लॉकडाउन के कारण नहीं मिल रहे खरीदार

बगहा। इस बार सब्जियों के फसल काफी अच्छे हुए हैं। खीरा, बैंगन, गोभी, टमाटर, हरी मिर्च, लौकी, ककड़ी, नेनुआ के साथ अन्य सब्जी भी खेतों में तैयार है। पर, किसानों को इसके खरीदार ही नहीं मिल रहे हैं ना ही वाजिब मूल्य मिल रहा है। जिसके कारण इसके उत्पादकों के समक्ष परेशानी बढ़ गई है। इसका कारण भी कोरोना व लॉकडाउन बन रहा है। सुबह के छह बजे से लेकर दस बजे तक ही सब्जी की दुकानें खुल रही है। जिसके कारण समस्या और बढ़ गई है। किसानों के फसलों के खपत नहीं होने से इसके कृषक परेशान हैं। साथ ही खेतों में फसल खराब नहीं हो, इस आशंका से सहमे हुए हैं। फुलवरिया गांव के मजीद मियां का कहना है कि पहले ओला गिरने से फसल चौपट हुई। अब जब बचे फसल को बेचने का समय आया तो, लॉकडाउन लग गया। सुबह के समय हीं इसको बेचने का समय निर्धारित किया गया है। ऐसे में सब्जी को तोड़ने व मंडी तक ले जाने में हीं 10 बज जाता है। जिससे इसकी बिक्री की समस्या खड़ी हो जाती है। खरीदार नहीं मिलने से इसे औने पौने दामों में बेचना पड़ता है। कुछ ऐसा हीं कहना है बुला मियां, अजीज मियां, मुस्लिम मियां, इरशाद मियां कहते हैं कि पहले पूरे दिन सब्जी बिकती थी। अब गद्दी वाले थोक विक्रेता भी कम मात्रा में इसे खरीद रहे हैं। उनका रोना यह है कि अब ठेले व रेहड़ी वालों की संख्या कम हो गई है। गांव में घूमकर बेचने वालों की संख्या कम है। जिसके कारण इसकी खपत नहीं हो रही है। जिससे खेत में सब्जी के खराब होने का खतरा है। अब समझ में नहीं आ रहा है कि आगे किस तरह से काम होगा। अगर लॉकडाउन की अवधि और बढ़ती है तो, इसका प्रभाव अधिक पड़ेगा। बता दें कि कृषकों को सब्जी की खेती में काफी लागत आती है। साथ हीं इसमें मेहनत भी काफी है। पर, जब फसल तैयार होने की बात आती है तो, कभी ओला वृष्टि और कभी लॉकडाउन की मार इन पर पड़ती है। बीते वर्ष भी करीब ढाई महीने तक यही हाल हुआ था। इससे अभी किसान उबर भी नहीं पाएं हैं। तब तक फिर से दोबारा लॉकडाउन लगा दिया गया। इस बाबत कृषि पदाधिकारी प्रदीप तिवारी ने बताया कि अगर कोई योजना इनके लिए आती है तो, इसका लाभ कृषकों को दिया जाएगा।

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