खेतों में नमी के कारण रबी फसल की बोआई में विलंब
बेतिया । बाढ़ व बारिश के कारण नष्ट हुई खरीफ फसल के बाद अब किसानों को रबी फसल की बोआई की चिता सता रही है।
बेतिया । बाढ़ व बारिश के कारण नष्ट हुई खरीफ फसल के बाद अब किसानों को रबी फसल की बोआई की चिता सता रही है। देरी से खेतों में बारिश व बाढ़ का पानी सुखने के कारण रबी फसल की बोआई में भी काफी विलंब हो रही है। बाढ़ व अत्यधिक बारिश के कारण किसानों की खरीफ फसलें पहले ही पूरी तरह मारी गई हैं। अब रबी फसलों की बोआई का महीना लगभग खत्म होने को है। लेकिन कई खेतों में जलजमाव की ऐसी हालत बनी है कि पूरे नवंबर माह बीत गए, दिसंबर चल रहा है। लेकिन, खेतों की दशा को देख किसानों के चेहरे पर चिता की लकीरे साफ-साफ दिखाई देने लगती है। हालांकि अधिकांश खेतों से पानी सुख चुका है। किसान जोताई भी कर ली है। लेकिन रबी फसल में बोआई के समय उपयुक्त खाद नहीं मिलना किसानों के लिए एक अलग परेशानी खड़ी कर रही है। हालांकि किसान आनन-फानन में रबी फसल की बोआई के लिए खेत को तैयार कर चुके है।
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मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण फसलों का ग्रोथ कम
किसान मोहन कुमार, छठू साह, मदन महतो, सिपाही महतो, कृष्णकांत तिवारी, जोखू चौधरी आदि की माने तो गेहूं व अन्य अनाजों की बुआई 15 से 30 नवंबर तक होती है। इस साल में रबी फसल की बोआई में काफी समय लगा है। वहीं मौसम में हो रहे उतरा-चढ़ाव के कारण आलू, मक्का व सरसों पर संकट की स्थिति बनी हुई है। इस वर्ष किसानों ने खरीफ फसल की बुआई की, लेकिन कई इलाके में नमी रहने के कारण फसलों में ग्रोथ कम दिखाई दे रहा है। इससे किसानों की लागत तो दूर बीज तक नहीं निकला है। अब किसानों को कर्ज चुकाना तो दूर परिवार का पालन पोषण करना तक मुश्किल हो रहा है।