वीटीआर सहित रिहायशी इलाकों में पहुंचा बाढ़ का पानी

बगहा। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बीच गंडक व मसान समेत अन्य पहाड़ी नदिया

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:13 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:13 PM (IST)
वीटीआर सहित रिहायशी इलाकों में पहुंचा बाढ़ का पानी
वीटीआर सहित रिहायशी इलाकों में पहुंचा बाढ़ का पानी

बगहा। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के बीच गंडक व मसान समेत अन्य पहाड़ी नदियां उफान पर हैं। जिसकी वजह से लौकरिया, नौरंगिया व गोबरहिया थाना के थरुहट क्षेत्र के कई गांवों से बगल से होकर गुजरने वाली पहाड़ी नदियां मनोर, झिकरी, भपसा, कोशिल, हरहा नदियों में बाढ़ आ गई है। जिससे कई गांवों में और घरों व चौक चौराहा के दुकान में बाढ़ का पानी घुस गया है. बाढ़ में बकुली परोरहा सड़क ध्वस्त हो गई है. वहीं वीटीआर के कई हिस्सों में पानी घुस गया है। गोबरहिया गांव के समीप भपसा नाला उफान से गांव मे पांच फीट पानी घुस गया है भापसा, मनोर नदी की धारा गोनौली की तरफ मुड़ गया है.। .जिससे निचले हिस्से की पचफेडवा, भथोहीया, गोनौली बाजार, समेत आधा दर्जन गांव के घरों को खाली कराया गया है। बकुली पंचगावा पंचायत के मझौवा गांव और नौरंगिया दरदरी पंचायत के कई घरों में पानी घुसने की सूचना मिल रही है। नरायणगढ़ गांव के भापसा नदी उफान से नरायणगढ़ बहुअरवां सड़कों पर घुटने तक बाढ़ का पानी बह रहा था .जमुनापुर, टडवलिया, पटेरा बाजार, आदि गांव मे हरहा नदी उफान से गांव मे पानी घुस गया है। लोगों को अन्यत्र शरण लेना पड़ा तो घर में रखे धान व अन्य सामग्री को गांव के सभी लोगों की सहयोग से सुरक्षित स्थान पर रखा गया। भपसा व मनोर नदी उफान से मदनपुर वन क्षेत्र के जंगल से होते हुए वाल्मीकि नगर मदनपुर मुख्य सड़क के बलजोरा के समीप तीन फीट पानी तेज गति से बह रही है। जिससे आने जाने वाले दो पहिये व चार पहिया वाहन बड़ी मकसद से सड़क पार करते थे। इससे सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। वहीं जन जीवन अस्त- व्यस्त हो गया है।

दोन कैनाल नहर व अमवा गांव बांध के टूटने के कारण क्षेत्र में पानी का दबाव और बढ़ गया है। इसका नतीजा यह हुआ कि आधा दर्जन गांव के सरेह पूरी तरह से टापू बन गए हैं. लोगों ने बताया कि गन्ना लगी फसल भपसा नदी कटाव कर रहा है सरेहो पानी लग जाने से धान का बिगड़ा व गन्ने खराब हो गये है। वहीं क्षेत्र के गुदगुदी, बगही सखुआनी सहित दोन के दो दर्जन गांव पहाड़ी नदी की जद में आ चुके हैं। बावजूद दोन में कही भी कटावरोधी कार्य पूरा नहीं हुआ. बाढ़ के निरंतर बढ़ते दबाव से कई गांव के लोग दहशत में है।

chat bot
आपका साथी