अनुमंडलीय अस्पताल में ऑक्सीजन लेबल तक चेक नहीं किया, बैंककर्मी को कर दिया रेफर

बगहा। कहने के लिए तो अनुमंडलीय अस्पताल में कोविड केयर वार्ड स्थापित किया गया है। ताकि गंभी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 12:01 AM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 12:01 AM (IST)
अनुमंडलीय अस्पताल में ऑक्सीजन लेबल तक चेक नहीं किया, बैंककर्मी को कर दिया रेफर
अनुमंडलीय अस्पताल में ऑक्सीजन लेबल तक चेक नहीं किया, बैंककर्मी को कर दिया रेफर

बगहा। कहने के लिए तो अनुमंडलीय अस्पताल में कोविड केयर वार्ड स्थापित किया गया है। ताकि गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज किया जा सके। लेकिन, एक कोरोना पॉजिटिव मरीज को जब अस्पताल पहुंचाया गया तो न चिकित्सक और ना ही कर्मियों ने सुधि ली। अस्पताल परिसर से सरकारी एंबुलेंस वापस हो गया। इसके बाद संक्रमित चिकित्सक-कर्मियों का इंतजार करती रही, परंतु किसी ने ऑक्सीजन लेबल तक जांच करने की जहमत नहीं उठाई। हद तो यह कि मरीज को एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराया गया। आखिरकार प्राइवेट एंबुलेंस से मरीज बेतिया स्थित जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड पहुंची। जहां उसका इलाज शुरू हुआ। फिलहाल, संक्रमित की हालत सामान्य है। गौर करने वाली बात यह है कि संक्रमित स्टेट बैंक हरनाटांड़ की कर्मी हैं। अब ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि यदि एक सरकारी कर्मी के साथ इस तरह का उदासीन रवैया अपनाया जा रहा है तो फिर आम लोगों के साथ किस तरह का सलूक किया जाएगा। बता दें कि अस्पताल में कोविड संक्रमितों के इलाज के लिए दो चिकित्सकों को प्रतिनियुक्त किया गया है। जबकि पूर्व से 14 चिकित्सक पदस्थापित हैं। अब ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि स्वास्थ्य केंद्रों से रेफर मरीज सीधे कहां जाएं। अनुमंडलीय अस्पताल या फिर सीधे जिला अस्पताल। हरनाटांड़ में पदस्थापित बैंककर्मी को रेफर करने के बाद अस्पताल कर्मियों ने नहीं ली सुध। बिना जांच के ही सीधे बेतिया किया रेफर, आम लोगों में आक्रोश व्याप्त, एसडीएम ने लिया संज्ञान। उधर, एसडीएम शेखर आनंद ने इस मामले को गंभीरता से लिया। कहा कि यदि इस तरह की लापरवाही बरती गई है तो फिर जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होगी। कोविड केयर वार्ड में निश्चित रूप से बीमार मरीजों का इलाज होगा।

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